रमेश सर्राफ धमोरा
दुनिया भर में लोग नए साल की पहली सुबह का आनंद उठाते हैं। लोग अपने दोस्तों, परिवार और करीबी लोगों के इस खास दिन का जश्न मनाते हैं। नए साल के साथ ही साल के पहले दिन यानी एक जनवरी को वैश्विक परिवार दिवस भी मनाया जाता है। हर साल एक जनवरी को मनाए जाने वाले इस दिवस के जरिए परिवारों के माध्यम से राष्ट्रों और संस्कृतियों में एकता, समुदाय और भाईचारे की भावना पैदा करता है। दुनिया में शांति बनाए रखने के लिए जरूरी है कि एक परिवार का निर्माण हो। ताकि विश्व में शांति की स्थापना होने के साथ ही हिंसा भी कम की जा सकें।
महात्मा गांधी का एक प्रसिद्ध भजन है वैष्णव जन तो तेने कहिये जे पीड़ परायी जाणे रे। दूसरों की पीड़ा समझने वाला ईश्वर के समान होता है। गांधी जी के इस भजन की पंक्तियों को भारत सही अर्थों में चरितार्थ कर रहा है। भारत हमेशा से ही विश्व बंधुत्व की भावना के सिद्धांत को अपनाकर उसी मार्ग पर चलाता आ रहा है। भारत दुनिया का एकमात्र ऐसा देश है जो हमेशा से ही सभी को साथ लेकर चलने का प्रयास करता रहा है।
आज भी दुनिया के किसी भी देश में कैसा भी संकट आया हो भारत उसके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा नजर आता है। इसी को कहते हैं विश्व बंधुत्व की भावना। वैश्विक परिवार दिवस यदि दुनिया का कोई देश सही मायने में मनाता है तो वह भारत ही हैं। भारत में आज भी अतिथि देवो भव की भावना जिंदा है। यहां के लोग स्वयं भूखे रहकर अतिथियों को भोजन करवाना अपना परम धर्म समझते रहे हैं।
जब पूरी दुनिया नए साल का जश्न मनाती है। उसी दिन पूरे विश्व में वैश्विक परिवार दिवस मनाया जाता है। ताकि विश्व में रहने वाले सभी लोग एक परिवार की तरह रहें। इस तरह विश्व के सभी राष्ट्रों और समुदाय में भाईचारे की भावना पैदा हो सके। वैश्विक परिवार दिवस जिसे विश्व शांति दिवस के रूप में भी जाना जाता है। दुनिया में सद्भाव और एकता की अवधारणा को बढ़ावा देने के लिए हर साल मनाया जाता है।यह दुनिया के एक वैश्विक गांव के विचार पर जोर देता है। जिसमें नागरिकता, सीमा या नस्ल की परवाह किए बिना हम सभी एक परिवार हैं।
वैश्विक परिवार दिवस की उत्पत्ति दो पुस्तकों में हुई थी। पहली 1996 में अमेरिकी लेखकों स्टीव डायमंड और रॉबर्ट एलन सिल्वरस्टीन द्वारा लिखित वन डे इन पीस 1 जनवरी 2000 नामक बच्चों की किताब थी। वहीं दूसरी किताब अमेरिकी शांति कार्यकर्ता और लेखक लिंडा ग्रोवर का 1998 का यूटोपियन उपन्यास ट्री आइलैंडरू ए नॉवेल फॉर द न्यू मिलेनियम थी। विशेष रूप से ग्रोवर ने 1 जनवरी को शांति के वैश्विक दिवस के रूप में स्थापित करने काफी अहम भूमिका निभाई थी। इन किताबों के विचारों के आधार पर ही 1997 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 1 जनवरी को शांति का एक दिन मनाने की घोषणा की।
बाद में 1999 में संयुक्त राष्ट्र और इसके सदस्य देशों ने पहली बार वैश्विक परिवार दिवस मनाया गया। इस दिवस की सफलता को देखते हुए साल 2001 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इस दिन को एक वार्षिक कार्यक्रम के रूप में स्थापित किया। इसके बाद से हर साल एक जनवरी को वैश्विक परिवार दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। नए साल की शुरुआत के साथ ही इस दिन को मनाने का मकसद एक ऐसे समाज की स्थापना करने का प्रयास है जहां सिर्फ शांति हो।
हालांकि यह एक नई शांतिपूर्ण दुनिया की शुरुआत थी और 1999 में सभी संयुक्त राष्ट्र सदस्य देशों को शांति निर्माण की दिशा में रणनीति विकसित करने के लिए उस विशेष वर्ष के पहले दिन को औपचारिक रूप से समर्पित करने का निमंत्रण मिला। इस दिन के सकारात्मक प्रभाव को देखते हुए 2001 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा वैश्विक परिवार दिवस को एक वार्षिक कार्यक्रम घोषित किया गया। पहला वैश्विक परिवार दिवस पहली बार वर्ष 2000 में एक जनवरी को देखा गया था। तब से हर साल नए साल के पहले दिन को वैश्विक परिवार दिवस के रूप में मनाया जाता है।
यह दिन पूरे विश्व को एक परिवार मानता है। वैश्विक परिवार दिवस को शांति और साझाकरण के वैश्विक दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य बहुसंस्कृतिवाद, बहुलवाद को बढ़ावा देना और शांति और सद्भाव के साथ एक-दूसरे के साथ रहना सिखाना है। यह दिन विश्व के एक वैश्विक परिवार होने के विचार को बढ़ावा देता है। इसका उद्देश्य एकजुट होना और इस विचार को बढ़ावा देकर शांति का संदेश फैलाना है कि पृथ्वी एक वैश्विक परिवार है। ताकि दुनिया को सभी के लिए रहने के लिए एक बेहतर जगह बनाया जा सके।
नए साल के आगाज साथ ही वैश्विक परिवार दिवस भी मनाया जाता है। वैश्विक परिवार दिवस को हर साल एक जनवरी को मनाने का मुख्य उद्देश्य दुनिया के सभी देशों, धर्मों के बीच शांति की स्थापना करते हुए युद्ध और अहिंसा को टालना है। साथ ही यह भी कोशिश है कि आपसी मतभेदों को बात-चीत के जरिए से निपटाया जाए और एक शांतिपूर्ण समाज की स्थापना की जा सके। इस दिन के लिए परिवार को काफी अहम माना गया है। क्योंकि परिवार के जरिए ही विश्व में शांति स्थापित की जा सकती है।
वैश्विक परिवार दिवस मनाने का सबसे अच्छा तरीका अपने परिवार के साथ दिन बिताना है। इस दिन लोग एक साथ रात्रिभोज की योजना बनाते हैं और अन्य पारिवारिक गतिविधियों का आनंद लेते हैं जो उनके बंधन को मजबूत करते हैं और शांति को बढ़ावा देते हैं। परिवार के साथ मनोरंजक गतिविधियों में एक साथ शिविर लगाना या एक साथ खाना बनाना, पिकनिक पर जाना, ट्रेक और बहुत कुछ शामिल हो सकता है। इस दिन को समुदाय के हिस्से के रूप में मनाने के लिए आप उन संगठनों के लिए स्वयंसेवक बन सकते हैं जो समुदाय का निर्माण करते हैं, हिंसा को कम करते हैं और अपने परिवार के साथ सुरक्षा को बढ़ावा देते हैं। आप वैश्विक शांति की दिशा में प्रयासों के बारे में कोई भी फिल्म देख सकते हैं।
आज पूरी दुनिया में युद्ध का वातावरण बना हुआ है। कई देशों में युद्ध छिड़ा हुआ है तो कई देश युद्ध के मुहाने पर खड़े हुए हैं। तीसरे विश्व युद्ध की आशंका व्यक्त की जा रही है। लोग एक दूसरे के दुश्मन बनते जा रहे हैं। जरा जरा सी बात पर लड़ाई झगड़ा होने लगता है। ऐसे में वैश्विक परिवार दिवस हमारे लिए आशा की एक नई किरण लेकर आता है। इस दिवस से हमें पूरे विश्व को एक परिवार के रूप में बनाने की प्रेरणा मिलती है। यदि हम वैश्विक परिवार दिवस की अवधारणा के अनुरूप एक दूसरे के प्रति सहयोग की भावना अपना कर काम करे तो दुनिया शांति के पथ पर चलने लगेगी और सही मायने में इस दिवस की सार्थकता भी सिद्ध हो सकेगी।
(लेखक राजस्थान सरकार से मान्यता प्राप्त स्वतंत्र पत्रकार है। इनके लेख देश के कई समाचार पत्रों में प्रकाशित होते रहते हैं।)