ओम प्रकाश उनियाल
उत्तराखण्ड भारत का बना यूसीसी कानून लाने वाला पहला राज्य। जो कि ऐतिहासिक उपलब्धि है। अब सभी धर्मों के लिए होगा समान कानून, महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान व समृद्धि होगी सुरक्षित, विवाह, तलाक, उत्तराधिकार, गोद लेने, भरण-पोषण जैसे आदि मामलों में होगा समान अधिकार। समान नागरिक संहिता (यूसीसी) विधेयक उत्तराखंड 2024 विधानसभा में पारित कर दिया गया। विधेयक पर दो दिनों तक लंबी चर्चा हुई। सत्ता और विपक्ष के सदस्यों ने विधेयक के प्रावधानों को लेकर अपने-अपने सुझाव दिए। उत्तराखंड विधानसभा आजाद भारत के इतिहास में समान नागरिक संहिता का विधेयक पारित करने वाली पहली विधानसभा बन गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 6 फरवरी को नागरिक संहिता विधेयक उत्तराखंड 2024 विधानसभा में पेश किया था।
सदन में विधेयक पर चर्चा के बाद सदन ने इसे पास कर दिया। अब अन्य सभी विधिक प्रक्रिया और औपचारिकताएं पूरी करने के बाद यूसीसी लागू करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य बनेगा। इस विधेयक में सभी धर्म-समुदायों में विवाह, तलाक, गुजारा भत्ता और विरासत के लिए एक कानून का प्रावधान है। महिला-पुरुषों को समान अधिकारों की सिफारिश की गई है।अनुसूचित जनजातियों को इस कानून की परिधि से बाहर रखा गया है। मुख्यमंत्री धामी ने जनता से किए गए वायदे के अनुसार पहली कैबिनेट बैठक में ही यूसीसी का ड्रॉफ्ट तैयार करने के लिए विशेषज्ञ समिति गठित करने का फैसला किया। सुप्रीम कोर्ट की सेवानिवृत्त न्यायाधीश जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय कमेटी गठित कर दी गई।
समिति ने व्यापक जन संवाद और हर पहलू का गहन अध्ययन करने के बाद यूसीसी के ड्रॉफ्ट को अंतिम रूप दिया है। इसके लिए प्रदेश भर में 43 जनसंवाद कार्यक्रम और 72 बैठकों के साथ ही प्रवासी उत्तराखण्डियों से भी समिति ने संवाद किया।
समान नागरिक संहिता विधेयक के कानून बनने पर समाज में बाल विवाह, बहु विवाह, तलाक जैसी सामाजिक कुरीतियों और कुप्रथाओं पर रोक लगेगी, लेकिन किसी भी धर्म की संस्कृति, मान्यता और रीति-रिवाज इस कानून से प्रभावित नहीं होंगे। बाल और महिला अधिकारों की यह कानून सुरक्षा करेगा।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि समान नागरिक संहिता का विधेयक आदरणीय प्रधानमंत्री जी द्वारा देश को विकसित, संगठित, समरस और आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाने के लिए किए जा रहे महान यज्ञ में हमारे प्रदेश द्वारा अर्पित की गई एक आहुति मात्र है।
उन्होंने कहा कि हमारे देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी विकसित भारत का सपना देख रहे हैं। भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रही है। उनके नेतृत्व में यह देश तीन तलाक और धारा-370 जैसी ऐतिहासिक गलतियों को सुधारने के पथ पर है। मुख्यमंत्री ने कहा कि UCC के इस विधेयक में समान नागरिक संहिता के अंतर्गत जाति, धर्म, क्षेत्र व लिंग के आधार पर भेद करने वाले व्यक्तिगत नागरिक मामलों से संबंधित सभी कानूनों में एकरूपता लाने का प्रयास किया गया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) विधेयक उत्तराखंड 2024 को विधानसभा में पारित होने पर समस्त प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने सदन के सदस्यों का भी आभार व्यक्त है।
मुख्यमंत्री ने विधानसभा में प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि यह उत्तराखण्ड के लिए ऐतिहासिक पल है जब देवभूमि के सदन से देश के पहले समान नागरिकता कानून को मंजूरी मिली है। उन्होंने कहा कि संवैधानिक प्रक्रिया को पूर्ण करने के लिए इसे जल्द ही राष्ट्रपति को भेजा जाएगा।
उन्होंने कहा कि 12 फरवरी 2022 को प्रदेश की जनता से समान नागरिक संहिता कानून को प्रदेश में लागू करने का वायदा किया था। आज वह वायदा पूर्ण हो गया है । मुख्यमंत्री ने कहा कि जो संकल्प हमारी सरकार ने लिया था वह आज सिद्धि तक पहुँच गया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के “एक भारत श्रेष्ठ भारत” की परिकल्पना ने इस समानता के कानून को लागू करने की प्रेरणा दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कानून समानता और एकरूपता का कानून है।
सऊदी अरब, तुर्की, इण्डोनेसिया, जापान, नेपाल, अजरबैजान, फ्रांस, जर्मनी व कनाडा ऐसे देश हैं जिनमें समान नागरिक संहिता का अभिग्रहण किया गया है।