- श्रीनगर संसदीय क्षेत्र में रात 8 बजे तक 36.58 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया, जो कई दशकों में सर्वाधिक है
- चदूरा, चाह ए शरीफ, गंदेरबल, कंगन, खान साहिब और शोपियां विधानसभा क्षेत्रों में 45 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ
- बडगाम, गंदेरबल, पुलवामा और शोपियां में भी मतदान पूरी तरह शांतिपूर्ण रहा और भारी मतदान हुआ
रविवार दिल्ली नेटवर्क
18वीं लोकसभा के आम चुनाव के लिए चौथे चरण का मतदान कल केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो गया, जिसमें श्रीनगर, गंदेरबल, पुलवामा और आंशिक रूप से बडगाम और शोपियां जिलों में रात 8 बजे तक 36.58 प्रतिशत मतदान हुआ। श्रीनगर संसदीय क्षेत्र में 2,135 मतदान केंद्रों पर मतदान हुआ। सभी मतदान केंद्रों पर मतदान लाइव वेबकास्टिंग के साथ संपन्न हुआ। पूरे संसदीय क्षेत्र में सुबह सात बजे मतदान शुरू हुआ और उत्साही मतदाताओं की लंबी कतारें वोट डालने के लिए इंतजार करती देखी गईं।
चुनाव प्रक्रिया में विश्वास और उत्साह प्रदर्शित करते हुए श्रीनगर, बडगाम, गंदेरबल, पुलवामा और शोपियां के मतदाता रिकॉर्ड संख्या में मतदान केंद्रों पर वोट डालने पहुंचे। अनुच्छेद 370 को निरस्त करने तथा जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 के लागू होने के बाद घाटी में यह पहला आम चुनाव था। इन आम चुनावों में 24 उम्मीदवार मैदान में हैं, जबकि 2019 के आम चुनाव में यहां 12 उम्मीदवार मैदान में थे। सुरक्षा कर्मियों सहित मतदान कर्मियों ने यह सुनिश्चित करने का अथक प्रयास किया कि मतदान केंद्रों पर निशिचंतता, शांति, और उत्सव का माहौल मतदाताओं का स्वागत करे।
पिछले कुछ चुनावों में कुल मतदाताओं द्वारा मतदान
वर्ष : श्रीनगर संसदीय क्षेत्र
2019 : 14.43 प्रतिशत
2014 : 25.86 प्रतिशत
2009 : 25.55 प्रतिशत
2004 : 18.57 प्रतिशत
1999 : 11.93 प्रतिशत
1998 : 30.06 प्रतिशत
1996 : 40.94 प्रतिशत
17.47 लाख से अधिक मतदाताओं की जरूरतों को पूरा करने के लिए 8,000 से अधिक मतदान कर्मचारी ड्यूटी पर तैनात किए गए थे। स्वतंत्र, निष्पक्ष और प्रलोभन-मुक्त चुनाव सुनिश्चित करने के लिए आम चुनाव 2024 की घोषणा की तिथि- 16 मार्च से श्रीनगर के साथ-साथ जम्मू में कमांड-एंड-कंट्रोल सेंटर 24×7 काम कर रहे हैं। प्रत्येक मतदान केन्द्र पर पानी, बिजली, शौचालय, रैम्प, बरामदा/प्रतीक्षालय आदि जैसी बुनियादी न्यूनतम सुविधाएं उपलब्ध करायी गयीं। आवश्यकता पड़ने पर व्हीलचेयर और स्वयंसेवक उपलब्ध कराए गए। समावेशी मतदान सुनिश्चित करने के लिए महिलाओं, दिव्यांगों और युवाओं द्वारा प्रबंधित मतदान केंद्र स्थापित किए गए। 21 हरित और पर्यावरण-अनुकूल मतदान केंद्र थे। मीडिया सुविधा प्रदान देने के लिए 600 से अधिक पत्रकारों को पास उपलब्ध कराए गए।
आयोग ने दिल्ली, जम्मू और उधमपुर के विभिन्न राहत शिविरों में रहने वाले कश्मीरी प्रवासी मतदाताओं को भी निर्दिष्ट विशेष मतदान केंद्रों पर व्यक्तिगत रूप से मतदान करने या डाक मतपत्र का उपयोग करने का विकल्प दिया। जम्मू में 21, उधमपुर में 1 और दिल्ली में 4 विशेष मतदान केंद्र स्थापित किए गए।
प्रवासी मतदाता विशेष मतदान केंद्रों पर मतदान कर रहे हैं
मतदाता जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए स्वीप गतिविधियों के अंतर्गत योजनाबद्ध, सुसंगत और लक्षित हस्तक्षेप ने मतदाताओं के मतदान में उल्लेखनीय वृद्धि में योगदान दिया है।