रविवार दिल्ली नेटवर्क
जयपुर : पशुपालन एवं गोपालन मंत्री श्री जोराराम कुमावत ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्गों पर निराश्रित पशुओं का विचरण गंभीर समस्या है। इनसे हाइवे पर वाहनों की गति बाधित होती है और दुर्घटना होने का अंदेशा बना रहता है। उन्होंने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों को राजमार्गों पर पशुओं का विचरण रोकने की दिशा में गंभीरता से काम करने तथा पेट्रोलिंग की पुख्ता व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिये।
श्री कुमावत बुधवार को सचिवालय के मंत्रालयिक भवन स्थित अपने कक्ष में राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और लोक निर्माण विभाग (राष्ट्रीय राजमार्ग) के अधिकारियों के साथ इस संबंध में आयोजित बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आम आदमी हाइवे पर आवागमन के लिए टोल टैक्स चुकाता है। उन्हें सुविधा तथा सुरक्षा सुनिश्चित करने में किसी प्रकार की ढिलाई नहीं बरती जानी चाहिये। उन्होंने कहा कि हाइवे पर घूमने वाले पशुओं के कारण आए दिन दुर्घटनाएं होती हैं, जिनमें जन हानि के साथ-साथ पशु हानि भी होती है। उन्होंने प्राधिकरण के अधिकारियों को हाइवे पर निराश्रित पशुओं का विचरण बंद करने की पुख्ता व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि प्राधिकरण द्वारा पेट्रोलिंग व्यवस्था को और भी सुदृढ़ बनाने की आवश्यकता है। पेट्रोलिंग की गाड़ियां केवल दुर्घटना होने पर ही आती हैं, जबकि दुर्घटना को घटने से रोकने के प्रयास किये जाने चाहिये। इसके लिए प्राधिकरण द्वारा नियमित रूप से पेट्रोलिंग की व्यवस्था की जानी सुनिश्चित की जानी चाहिये, ताकि राजमार्गों पर संभावित खतरों से आमजन को सुरक्षा मिले।
पशुपालन विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री विकास सीताराम भाले ने कहा कि निराश्रित पशुओं को राजमार्गों पर विचरण से रोकने के लिए की गई व्यवस्थाओं की समीक्षा के लिए नियमित रूप से बैठक आयोजित की जानी चाहिए।
बैठक में श्रीमती प्रतिमा गुप्ता, प्रतिनिधि राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, श्री आशाराम सैनी प्रतिनिधि, लोक निर्माण विभाग (राष्ट्रीय राजमार्ग), डॉ भवानी सिंह राठौड़ निदेशक, पशुपालन विभाग, डॉ आनंद सेजरा मुख्य कार्यकारी अधिकारी राजस्थान पशुधन विकास बोर्ड, श्रीमती शालिनी शर्मा निदेशक, गोपालन विभाग सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।