सरकार के ठोस कदम से आदिवासी युवाओं के अच्छे भविष्य की नींव भी मजबूत

The concrete steps of the government also strengthen the foundation of a good future for the tribal youth

श्री घनश्याम केशरवानी

रायपुर : छत्तीसगढ़ सरकार आदिवासियों के हित में ठोस कदम उठा रही है| दूरस्थ और पिछड़े वनांचल इलाकों में मूलभूत सुविधाएं शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार के अलावा बुनियादी जरूरतों को पूरा करने का काम तेजी से हो रहा है| छत्तीसगढ़ सरकार ने ऐसी कई योजनाएं शुरू की हैं जिनके जमीनी स्तर पर व्यापक प्रभाव से जन-जीवन जीवन बदल रहा है| मुख्यमंत्री की पहल पर नियद नेल्लानार योजना से आज आदिवासी परिवारों के जीवन में आशा की नई किरण आई है| इस योजना में माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में स्थापित नए कैम्पों के आसपास के गांवों का चयन कर शासन के 12 विभागों की 32 कल्याणकारी योजनाओं के तहत आवास, अस्पताल, पानी, बिजली, पुल-पुलिया, स्कूल इत्यादि मूलभूत संसाधनों का विकास किया जा रहा|

दूरस्थ आदिवासी इलाकों से अयोध्या धाम तक सीधी कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री श्री साय की पहल पर भारत सरकार ने हरी झंडी दे दी है| सडकों के विकास को लेकर भी लगातार कार्य किया जा रहा है, जिससे आदिवासी अंचलों तक आवाजाही आसान हुई है| छत्तीसगढ़ सरकार ने 68 लाख गरीब परिवारों को 05 साल तक मुफ्त राशन देने का निर्णय भी लिया, जिसका लाभ बड़ी मात्रा में आदिवासी अंचलों के जरूरतमंद रहवासियों को मिल रहा है|

तेंदूपत्ता वनवासियों की आजीविका का मजबूत स्रोत है, इससे होने वाली आमदनी को बढ़ाते हुए सरकार ने तेंदूपत्ता संग्रहण पारिश्रमिक दर 4000 रुपए प्रति मानक बोरा से 5500 रुपए प्रति मानक बोरा किया, जिसका लाभ चालू तेंदूपत्ता सीजन से ही 12 लाख 50 हजार से अधिक संग्राहकों को मिल रहा है। तेंदूपत्ता संग्राहकों के लिए छत्तीसगढ़ सरकार जल्द ही चरण पादुका योजना भी शुरू करने जा रही है, इसके साथ ही उन्हें बोनस का लाभ भी दिया जाएगा|

सुरक्षा और विकास के दोहरे मोर्चे पर काम करते हुए छत्तीसगढ़ सरकार ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है| इन्हीं प्रयासों का परिणाम है कि आज अनुपात के हिसाब से छत्तीसगढ़ का बस्तर देश में सबसे सैन्य संवेदनशील क्षेत्र बन चुका है, बस्तर डिवीजन में प्रत्येक 9 नागरिकों के पीछे एक पैरामिलिट्री का जवान है| जल्द ही इन क्षेत्रों में सुरक्षाबलों के 250 से ज्यादा कैम्प और नियद नेल्लानार से 58 नए कैम्प स्थापित होंगे ताकि सड़क, स्कूल, स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाओं का दायरा बढ़ सके| मुख्यमंत्री श्री साय के नेतृत्व में आदिवासी संस्कृति और परम्पराओं को आगे बढ़ाने के लिए बस्तर में प्राचीन काल से चले आ रहे अनेक ऐतिहासिक मेलों को भी शासकीय संरक्षण और आर्थिक सहायता दी जा रही है।

दूरस्थ आदिवासी इलाकों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने के सरकार के मजबूत प्रयास से देश के दूसरे सबसे कम साक्षर जिले बीजापुर में नए भविष्य की बुनियाद गढ़ी जा रही है| बीजापुर जिले में माओवादियों द्वारा बंद 28 स्कूल अब मुख्यमंत्री श्री साय की पहल से खुल गए हैं| स्थानीय बोलियों को सहेजने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ सरकार ने आदिवासी अंचलों में स्थानीय बोलियों में प्रारंभिक शिक्षा प्रदान करने का निर्णय नई शिक्षा नीति के तहत आदिवासी समुदायों में शिक्षा की पहुंच बढ़ाने में महत्वपूर्ण कदम साबित होगा, जिसमें 18 स्थानीय भाषा-बोलियों में स्कूली बच्चों की पुस्तकें तैयार की जा रही हैं। प्रथम चरण में छत्तीसगढ़ी, सरगुजिहा, हल्बी, सादरी, गोंड़ी और कुडुख में पाठ्यपुस्तक तैयार होंगे।

छत्तीसगढ़ सरकार आदिवासी युवाओं के सुनहरे भविष्य की नींव भी मजबूत कर रही है, इसी क्रम में नई दिल्ली के ट्रायबल यूथ हॉस्टल में सीटों की संख्या 50 से बढ़ाकर अब 185 कर दी गई है। इस निर्णय से देश राजधानी में रहकर संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा की तैयारी करने के इच्छुक अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति तथा अन्य पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए अब इस हॉस्टल में तीन गुने से भी अधिक सीटें उपलब्ध होंगी| इसी तरह आईआईटी की तर्ज पर राज्य के जशपुर, बस्तर, कबीरधाम, रायपुर और रायगढ़ में प्रौद्योगिकी संस्थानों का निर्माण भी किया जाएगा|

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की पहल पर छत्तीसगढ़ के माओवादी आतंक प्रभावित जिलों के विद्यार्थियों को तकनीकी एवं व्यावसायिक शिक्षा के लिए ब्याज रहित ऋण मिलेगा| शेष जिलों के विद्यार्थियों को एक प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण प्रदान किया जाएगा, जिससे स्वरोजगार की ओर बढ़कर अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत कर सकेंगे|