कुरूद विकासखंड के कन्हारपुरी में बना प्रदेश का सबसे बड़ा अमृत सरोवर

The largest Amrit Sarovar of the state built in Kanharpuri of Kurud development block

रविवार दिल्ली नेटवर्क

धमतरी : आज के इस आधुनिक दौर में जल एवं जंगल के अंधाधुंध दोहन के चलते हमारी धरती के पानी के स्तर में लगातार गिरावट आ रही है, जिसका असर हाल ही में गर्मी के मौसम में कई बड़े शहरों में देखने को मिला है। लोग पानी के लिए किस तरह परेशान हुए है, वह भी प्रिंट, इलेक्ट्रानिक और सोशल मीडिया में देखने को मिला है। जिले में जल की समस्या को गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर सुश्री नम्रता गांधी ने जल एवं पर्यावरण संरक्षण हेतु अनेक सराहनीय प्रयास किये है, जिनमें से एक है अमृत सरोवरों का निर्माण। जिले के चारों विकासखण्ड में कुल 119 अमृत सरोवर बनाए गए हैं। इनमें धमतरी विकासखण्ड में 23, कुरूद मे 38, मगरलोड में 29 और नगरी विकासखण्ड में 29 अमृत सरोवर शामिल है।

धमतरी जिले के ग्राम कन्हारपुरी में निर्मित किये गये अमृत सरोवर को प्रदेश का सबसे बड़ा अमृत सरोवर बनने का गौरव प्राप्त हुआ है। इस तालाब की खास बात यह है कि जितनी लागत इस सरोवर को बनाने में आयी, उससे अधिक आय भी पंचायत को हुई। यह संभव हो पाया संसाधनों के बेहतर उपयोग से। जहां एक ओर इस तालाब ने किसानों के लिए सिचाई सुविधा का एक नया रास्ता खोला दिया। वहीं दूसरी ओर ग्रामीणों को सालभर निस्तारी की समस्या से भी मुक्ति मिल गयी, और भूमि का जलस्तर बना रहा। गौरतलब है कि धमतरी जिले में रेलवे द्वारा ब्राडगेज का काम किया जा रहा है। ग्राम कन्हारपुरी व आसपास में रेलवे को पटरी बिछाने के कार्य हेतु मुरुम व मिट्टी की आवश्यकता थी। रेल्वे विभाग के अधिकारियों से चर्चा कर कन्हारपुरी ग्राम पंचायत के साथ मिट्टी निकालने का एग्रीमेंट कराया गया। मिट्टी गांव के मुरा तालाब में उस जगह से निकाली गई, जहां तालाब गहरीकरण का कार्य होना था। रेलवे के माध्यम से तालाब की आवश्यकतानुसार खुदाई कार्य कराया गया जिससे तालाब की पूरी तस्वीर ही बदल गई। इतने बड़े क्षेत्रफल में अब तक प्रदेश में कहीं भी अमृ सरोवर का तालाब नहीं बना है। इस तालाब में बारिश के मौसम में पानी के भराव के साथ ही हरियाली की चादर बिछी नजर आ रही है। तालाब के आसपास के 46 किसानों की 70 एकड़ फसल को सिंचाई की जा सकेगी। इन किसानों को सिंचाई की कोई चिंता नही रहेगी। इधर रेलवे के साथ एग्रीमेंट किया गया था कि गांव से मिट्टी निकालने के बदले रायल्टी की राशि पंचायत में जमा की जाएगी। इस एग्रीमेंट के तहत रेलवे विभाग के कन्हारपुरी करीब 12 लाख रुपए हैं जो पंचायत में जमा करेगा। इस राशि से गांव के विकास की अलग से कार्य योजना तैयार की जाएगी। कन्हारपुरी के मुरा तालाब का कुल रकबा 09 एकड़ है। गहरीकरण के पहले इस तालाब की जलधारण क्षमता महज 32 हजार 400 घनमीटर थी जो अब 57 हजार 800 घनमीटर हो गई है।

इन्हीं कार्यक्रमों को आगे बढ़ाते हुए आगामी 5 एवं 6 अक्टूबर को रविशंकर जलाशय गंगरेल में जल जगार महोत्सव का आयोजन वृहद स्तर पर किया जा रहा है। इस महोत्सव में जिले के 108 अमृत सरोवरों के जल से रूद्राभिषेक, हाफ मैराथन, आसमान से कहानी, आकर्षक एवं रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियां, नवरात्रि मेला, कबाड़ से जुगाड़, रंगोली प्रतियोगिताएं इत्यादि आयोजित की जाएंगी। कलेक्टर सुश्री गांधी ने इस वृहद आयोजन में अधिक से अधिक सम्मिलित होकर जल संरक्षण में अपनी सहभागिता निभाने की अपील लोगों से की है।