रविवार दिल्ली नेटवर्क
देवभोग : गांवों में आज भी कई झोलाछाप डॉक्टर बेधड़क काम कर रहे हैं. यह बात देवभोग तहसील के ग्राम डोंगरीगुड़ा में देखने को मिली, जहां धान जब्ती के लिए गया प्रशासनिक अमला फार्मासिस्ट के घर पर तीन कमरों में चल रहे अस्पताल को देखकर दंग रह गया. वैधानिक दस्तावेज नहीं मिलने पर तहसीलदार ने बीएमओ की मौजूदगी में अस्पताल वाले मकान को सील कर दिया गया है
देवभोग तहसीलदार चितेश देवांगन डोंगरीगुड़ा में अवैध भंडारण की सूचना की तस्दीक पहुंच थे तभी वहां के रहवासी हेमलाल नागेश से धान के बारे पूछताछ की गई जिसमें वह सहयोग करने के बजाय घुमा-फिराकर जवाब देने लगा, तभी तहसीलदार की नजर घर पर चल रहे अवैध क्लिनिक पर पड़ी जिसकी जानकारी मांगने पर हेमलाल ताला खोल कर वहां से भाग गया. बड़ी गड़बड़ी की आशंका पर तहसीलदार ने तत्काल सरपंच, बीएमओ व पुलिस को सूचित किया. सभी की मौजूदगी में मकान की विधिवत जांच हुई तो तीन कमरों में अवैध रूप से संचालित अस्पताल का खुलासा हुआ.
इतना ही नहीं वहां पर गर्भपात में इस्तेमाल होने वाली प्रतिबंधित दवा के साथ गर्भ जांच किट समेत 50 प्रकार की करीबन एक लाख रुपए मूल्य की दवाएं भी मिली. इसके अलावा माइक्रोस्कोप मशीन, खून जांच व ड्रेसिंग किट, बीपी, शुगर जांच की मशीने भी पाई गई. इस पर विधिवत जब्ती बनाकर मकान को सील कर दिया गया है