- संविधान दिवस की 75वीं वर्षगांठ के कारण 26 नवंबर को राज्यसभा और लोकसभा की कार्यवाही स्थगित रहेगी
- पुराने संसद भवन संविधान सदन के सेंट्रल हॉल में एक विशेष कार्यक्रम होगा आयोजित
गोपेन्द्र नाथ भट्ट
संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार से प्रारंभ होने जा रहा है। यह सत्र आगामी 20 दिसंबर तक चलेगा। संविधान दिवस की 75वीं वर्षगांठ के कारण 26 नवंबर को राज्यसभा और लोकसभा की कार्यवाही नहीं चलेगी। दो राज्यों महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनावों तथा 15 प्रदेशों के 48 विधानसभा उप चुनावों एवं केरल के वायनाड और महाराष्ट्र के नांदेड़ लोकसभा सीटों के उप चुनावों के नतीजों के दो दिन बाद ही यह शीतकालीन सत्र शुरू हो रहा है। इसलिए इस सत्र पर इन चुनावों के परिणामों की छाया भी दिखेगी। साथ ही इस सत्र में विभिन्न मुद्दों पर संसद के दोनों सदनों राज्य सभा और लोकसभा के हंगामेदार रहने की संभावना है। इसकी झलक रविवार को हुई सर्वदलीय बैठक के बाद प्रतिपक्षी दलों द्वारा जारी वक्तव्यों में भी दिखाई दी।
शीत कालीन सत्र के शुभारंभ से पहले परंपरा के अनुरूप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद भवन परिसर के हंस द्वार के समीप महत्वपूर्ण विषयों पर मीडिया से रुबरु होंगे और महत्वपूर्ण विषयों की जानकारी देंगे। रविवार को सर्वदलीय बैठक केन्द्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और संसदीय मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू की उपस्थिति में की गई थी। इस बैठक में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, डीएमके, शिवसेना, बीजद और अन्य पार्टियों के नेता शामिल हुए। बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा, कांग्रेस नेता जयराम रमेश और गौरव गोगोई के अलावा टी शिवा, हरसिमरत कौर बादल और अनुप्रिया पटेल ने भी शिरकत की।
सोमवार को शीतकालीन सत्र की शुरुआत से पहले सत्तारूढ़ पार्टी के नेताओं ने विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं से मुलाकात की। बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने बताया कि सरकार ने सभी दलों से संसद का सुचारू संचालन सुनिश्चित करने की अपील की है।अदाणी मुद्दे को उठाने की विपक्ष की मांग पर एक सवाल को लेकर उन्होंने कहा कि सदनों की संबंधित कार्य मंत्रणा समितियां लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा के सभापति की सहमति से संसद में चर्चा किए जाने वाले मामलों पर निर्णय लेंगी।
बैठक में कांग्रेस सदस्यों ने अदाणी समूह के खिलाफ रिश्वतखोरी के आरोपों के साथ-साथ मणिपुर की स्थिति का मुद्दा भी उठाया। कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने कहा कि पार्टी अदाणी के साथ-साथ मणिपुर में जातीय संघर्ष पर भी चर्चा चाहती है। उन्होंने कहा कि झारखंड के मुख्यमंत्री को गिरफ्तार कर लिया गया, लेकिन जातीय हिंसा के बावजूद सरकार को मणिपुर के मुख्यमंत्री पर भरोसा है। विपक्षी दल ने उत्तर भारत में बढ़ते प्रदूषण और रेल दुर्घटनाओं के मुद्दे पर भी चर्चा की मांग की।
कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि उनकी पार्टी चाहती है कि सोमवार को संसद की बैठक में सबसे पहले अदाणी का मुद्दा उठाया जाए। राज्यसभा सदस्य ने कहा कि यह देश के आर्थिक और सुरक्षा हितों से जुड़ा एक गंभीर मुद्दा है, क्योंकि कंपनी ने अपनी सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए अनुकूल सौदा पाने को लेकर नेताओं और नौकरशाहों को कथित तौर पर 2,300 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया। अमेरिकी अभियोजकों ने अरबपति गौतम अदाणी पर अनुकूल सौर ऊर्जा अनुबंध हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारियों को 26.5 करोड़ अमेरिकी डॉलर (लगभग 2,200 करोड़ रुपये) की रिश्वत देने की योजना का हिस्सा होने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस उत्तर भारत में गंभीर वायु प्रदूषण, ‘‘नियंत्रण से बाहर’’ हो गई मणिपुर की स्थिति और रेल दुर्घटनाओं जैसे मुद्दों पर भी चर्चा चाहती है।
सर्वदलीय बैठक के बाद केन्द्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने बताया कि 26 नवंबर को राज्यसभा और लोकसभा की कार्यवाही स्थगित रहेगी क्योंकि संविधान दिवस की 75वीं वर्षगांठ के कारण 26 नवंबर को पुराने संसद भवन संविधान सदन में एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। यह कार्यक्रम संसद के पुराने भवन जिसे अब संविधान सदन कहा जाता है के सेंट्रल हॉल में आयोजित किया जायेगा।
केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने बताया कि शीत कालीन इस सत्र में दोनों सदनों की 19- 19 बैठकें होनी हैं । इस सत्र में वक्फ बिल सहित 16 विधेयकों पर भी होगा विचार होगा। लोकसभा में आठ और राज्यसभा में दो विधेयक लंबित हैं। सत्र के दौरान केंद्र सरकार कई महत्वपूर्ण विधेयकों को संसद से पारित कराने का प्रयास करेगी। इसमें बैंकिंग नियम विधेयक और रेलवे बिल शामिल हैं जिन्हें लोकसभा में पिछले सत्र में पेश किया गया था, लेकिन वे पारित नहीं हो पाए थे। इसी प्रकार राज्यसभा में भारतीय वायुयान विधेयक पेश किया जाएगा जिसे मानसून सत्र में लोकसभा की मंजूरी मिल चुकी है।
इधर कई महत्वपूर्ण विधेयकों पर कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल ऐतराज कर सकते हैं। रविवार को हुई सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस ने अदाणी समूह के खिलाफ रिश्वतखोरी के आरोपों पर चर्चा की मांग की। इससे साफ है कि विपक्ष शीतकालीन सत्र में भी इस मुद्दे को उठाएगा, जिससे संसद सत्र के काफी हंगामेदार रहने के आसार हैं, लेकिन महाराष्ट्र चुनाव में जीत के बाद यकीनन सत्ताधारी भाजपा का आत्मविश्वास शिखर पर है। शीतकालीन सत्र के दौरान विपक्ष सरकार को वक्फ संशोधन विधेयक के साथ ही मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर भी घेरने की कोशिश करेगा। वहीं उद्योगपति गौतम अदाणी पर अमेरिका द्वारा लगाए गए आरोपों को लेकर भी विपक्ष केंद्र पर हमलावर है। ऐसे में संसद का शीतकालीन सत्र हंगामेदार रहना तय माना जा रहा है।
संसद सत्र के शीत कालीन सत्र पर महाराष्ट्र और झारखंड के विधानसभा चुनाव और अन्य उप चुनावों के नतीजों का भी असर पड़ना तय माना जा रहा है। इन चुनावों के परिणामों की घोषणा 23 नवंबर को हो चुकी है। महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले गठबंधन को जबरदस्त जीत हासिल हुई है। जबकि वहीं, झारखंड में कांग्रेस समर्थित झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेतृत्व वाले गठबंधन को बहुमत मिला है। देश के समृद्ध प्रदेश महाराष्ट्र में मिली शानदार के कारण आत्मविश्वास से लबरेज सत्ताधारी दल एनडीए की केन्द्र सरकार अपने एजेंडे को मजबूती से आगे रखते हुए आवश्यक विधेयकों को पारित करने का प्रयास करेगी।
देखना है संसद का शीत कालीन सत्र निर्बाध ढंग से चल पाएगा अथवा पिछले सत्रों की भांति हंगामे की भेंट चढ़ जाएगा?