साहित्य अकादमी में लघुकथा पाठ और परिचर्चा का आयोजन

Short story reading and discussion organized at Sahitya Academy

  • अद्विक प्रकाशन के मंच से लघुकथा द्वारा हुआ पुस्तकायन का समापन
  • देश के विख्यात लघुकथाकारों ने पुस्तक मेले की सर्द शाम को अपनी रचनात्मकता से प्रदान की ऊर्जा

रविवार दिल्ली नेटवर्क

नई दिल्ली, अद्विक प्रकाशन के तत्वाधान में “लघु कथा विमर्श एवं पाठ” कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता विख्यात लेखक व समकालीन भारतीय साहित्य के संपादक बलराम ने की। सम्मिलित रचनाकारों में राजधानी दिल्ली के वरिष्ठ साहित्यकार संदीप तोमर, केदारनाथ शब्द मसीहा, सुभाष नीरव, सुरेन्द्र अरोड़ा की उपस्थिति रही साथ ही अगली पीढ़ी से सदानंद कविश्वर, नेतराम भारती, अंजू खरबंदा, , उपमा शर्मा, बीना शर्मा, वीना सिंह, विनय विक्रम सिंह ने सिरकत की। मंच संचालन युवा कवयित्री रिंकल शर्मा ने किया। सन्दीप तोमर ने अपनी सबसे कम शब्दों की लघुकथा “आदमियत” के साथ ही हंस मासिक पत्रिका में प्रकाशित रचना “खबर की खबर” का पाठ किया, जिसमें उन्होंने खबरिया चैनलों पर कटाक्ष किया। कार्यक्रम के अध्यक्ष बलराम ने कहा कि हममें से बहुत सारे लोगों को ये गुमान होता है कि उन्हें बहुत कुछ आता है। ज्ञान का घमंड हममें से सबको होता है। अपने मत के समर्थन में उन्होंने अंग्रेजी लेखक कार्ल्सबर्ग की एक कहानी के गोरे और अश्वेत व्यक्ति के मध्य हो रहे संवाद का उल्लेख करते हुए कहा कि अंततः अश्वेत व्यक्ति बोला “ज्ञान इतना ज्यादा है कि जिसे न काला जानता है, न गोरा जानता है”। उन्होंने अपने वक्तव्य में कहा कि लघुकथा लेखकों को इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि लेखक के ज्ञान और जानकारी की वजह से लघुकथा भटक न जाए। अनुवादक और कहानीकार सुभाष चन्दर ने कहा कि वह लोग लघुकथा के क्षेत्र में कदापि न आएं जो कहानी न लिख पाने के कारण लघुकथा लिख रहे हैं। लघुकथा के क्षेत्र में बहुत सारे वह लोग आ रहे हैं जो कहानी नहीं लिख पा रहे हैं। उन्हें लगता है कि छोटी प्रस्तुति में जितना हमको कहना है कह डालें। ऐसे लोग लघुकथा को नुकसान पहुंचा रहे हैं। लघुकथा एक आंदोलन है। लघुकथा एक लंबी यात्रा करके यहां तक आई है। लिहाजा आने वाली पीढ़ी को इस परंपरा को पूरी शास्त्रीयता से आगे ले जाना होगा।

राजधानी के साहित्य अकादमी परिसर में आयोजित पुस्तक मेले में अद्विक प्रकाशन की ओर से अतिथियों का स्वागत स्वाति चौधरी और जोया खान ने शाल पहनाकर किया। अद्विक प्रकाशन के कर्ताधर्ता श्री अशोक गुप्ता ने सम्मिलित रचनाकारों और अतिथियों का आभार व्यक्त किया। इस विशिष्ट अवसर पर आलोक यादव,शिवराज सिंह, डॉ. सुमन, शकील अहमद, अनिल शर्मा, प्रताप सिंह, टेकचंद,नूतन यादव, उत्कर्ष गर्ग व बिपिन कुमार के अलावा बड़ी संख्या में श्रोता मौजूद थे।