
राकेश शर्मा
ता उम्र (राहुल गांधी) गलती यही करता रहा , धूल चेहरे पे थी और आप आईना साफ़ करते रहे ।
यह शेर राहुल गांधी पर बिल्कुल सटीक बैठता है । ग्यारह साल से लगातार अधिकतर हर चुनाव हारने वाले राहुल गांधी हर बार हार के चुनावों का वास्तविक विश्लेषण कर उन गलतियों पर सुधार करने के बजाय कोई ना कोई नया बहाना ढूँडकर कभी भाजपा, कभी सरकार, कभी संवैधानिक संस्थाओं, कभी वोटरों और कभी अपनी ही पार्टी के लंगड़े घोड़ों पर हार का ठीकड़ा फोड़कर बत्तख़ की तरह अपनी पीठ पर हार का पानी नहीं पड़ने देते । अब इसे उनकी दुर्बुद्धि कहें या उनके चमचों का घमंड और प्रपंच जो राहुल गांधी को हार के वास्तविक कारणों से अवगत ही नहीं होने देते ।
एक जन नायक को लोकतंत्र में सबसे पहले जनता का मूड समझना चाहिए । जनता बगैर किसी लाग लपेट सिर्फ राष्ट्र का और अपना भला देखना चाहती है । उसे कोई भी बहला फुसला नहीं सकता । उसका विश्लेषण सबसे सटीक होता है जिसे वह बैलट बॉक्स के ज़रिए व्याख्यित करती है । राहुल गांधी जनता का मूड नहीं समझते और यही गलती लगातार कर रहे हैं जिससे उनकी पार्टी और इंडी गठबंधन लगातार तीन आम चुनाव हार चुकी है । इस बार भाजपा की 2024 आम चुनाव में कुछ सीटें क्या कम हो गई तो राहुल 99 सीटों के लंगड़े घोड़े पर सवार होकर पूरे देश में विजय के अश्वमेध यज्ञ के घोड़े पर सवार होकर विजय जलूस निकालते हुए देश भ्रमण पर निकल गए । मैंने अभी कहा है कि जनता बहुत समझदार होती है और उसने आम चुनाव के बाद तीन राज्यों के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस और इंडी गठबंधन को ऐसा धोबी पाट मारा की इनके अश्वमेध का लंगड़ा घोड़ा हाँफते हाँफते इनके अस्तबल में लगभग मूर्छित पड़ा है ।
ज्ञातव्य होना चुनाव के बाद हरियाणा, महाराष्ट्र और दिल्ली में कांग्रेस और इंडी गठबंधन को बहुत बुरी शिकस्त का सामना करना पड़ा है । हरियाणा में भाजपा तीसरी बार सत्ता में वापस आयी, महाराष्ट्र में तो विपक्ष का सफाया गिनकर दिया ( कांग्रेस , शिव सेना -उद्धव, और एनसीपी ) कोई भी 290 में से बीस की संख्या पार नहीं कर सका और बीजेपी के नेतृत्व में एनडीए ने 232 का अजेय आंकड़ा छूकर सरकार बनाई । दिल्ली में आम आदमी की दस वर्ष से ज़्यादा समय से चल रही सरकार को अपदस्थ कर भाजपा दिल्ली में सत्ताईस वर्ष बाद दिल्ली की सत्ता पर काबिज हुई है । कुछ दिनों ओ करण है जो भाजपा लगातार जीत रही है।
अब राहुल इन करारी हारों का सही विश्लेषण ना करके चुनाव आयोग को दोषी ठहराकर अपनी खीज मिटा रहा है । कांग्रेस ने महाराष्ट्र में हार के लिए फेक वोटर, वोट करने वालों की संख्या बड़ा देने को, और बोगस वोटिंग को जिम्मेवार बताया है। चुनाव आयोग ने बिंदुवार इन सभी आरोपों का खंडन किया है और कांग्रेस को मई में चुनाव आयोग में बातचीत के लिए बुलाया लेकिन कांग्रेस बहाना बनाकर चुनाव आयोग नहीं गई । जाती भी कैसे , कोई तथ्य तो थे ही नहीं । और अब जो हाय तौबा मचा रहे हैं वह आने वाले बिहार चुनाव को लेकर है जहाँ कांग्रेस या इंडी गठबंधन की जीत के आसार बहुत अच्छे नहीं हैं । इसलिए बहाने अभी से ढूँड़ रहे है ।
आज जब एनडीए सरकार ग्यारह साल में देश की प्रगति, विकास और उन्नति की उपलब्धियों का जश्न मना रही है राहुल गांधी ट्विटर ट्विटर खेल रहें हैं की ग्यारह साल में एनडीए सरकार की कोई जवाब देही नहीं रही , कोई विकास नहीं हुआ, 2025 की बात ना कर 2047 में विकसित भारत की बात कर रहे हैं।
राहुल गांधी को दिखाई ही नहीं दे रहा की पिछले ग्यारह साल में देश विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है, तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था 2027 तक बनने की उम्मीद है, इसका फायदा सभी देशवासियों को मिल रहा है, रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भर बने है, सड़कों का जाल बड़ा है, गरीबों की भलाई के सैकड़ों काम हुए है, हर क्षेत्र में तरक्की हुई है तभी जनता बार बार मोदीजी और भाजपा में विश्वास दिखा रही है ।
राहुल गांधी और कांग्रेस के डूबने के और भी कारण हैं जैसे तुष्टिकरण, नरेन्द्र सरेंडर जैसे ओछे वक्तव्य, ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत को हुए नुक़सान का बार बार हिसाब माँग कर पाकिस्तान की मदद करना , चोकीदार चोर है, सिंदूर चोर, भारत राष्ट्र ही नहीं है राज्यों का समूह है, विदेशों से भारतीय लोकतंत्र को बचाने की मदद माँगना, भारत धार्मिक स्वतंत्रता पर आघात होनर्श है और कह दिया सिख पगड़ी और कढ़ा इत्यादि नहीं पहन सकते।
राहुल गांधी को अपने गिरेबान में झांककर इन बातों का जवाब ढूँढना चाहिए और चेहरे की धूल हटानी चाहिए, आईना ख़ुद ही साफ़ दिखाने लगेगा ।