
इस बार तीज उत्सव दो दिवसीय आयोजित करने का प्रस्ताव
गोपेन्द्र नाथ भट्ट
राजस्थान में एक कहावत प्रचलित है कि,तीज त्योहारा बावड़ी,ले डूबी गणगौर यानि सावन की तीज से त्योहारों का आगमन शुरू हो जाता है और गणगौर के विसर्जन के साथ ही त्योहारों पर चार महीने का विराम लग जाता है। प्रदेश में भीषण गर्मियों के बाद इस बार मानसून समय से पहले आ गया है।
इस बार भी सावन की मीठी फुहारों के साथ ही प्रदेश में तीज त्योहारों के स्वागत की तैयारियां शुरू हो गई है।
राजस्थान की उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी जोकि प्रदेश की पर्यटन मंत्री भी है की अध्यक्षता में शनिवार को जयपुर में तीज महोत्सव की तैयारियां के लिए एक अहम बैठक हुई । हालांकि बैठक में पर्यटन विभाग से जुड़े अन्य विभिन्न विषयों की भी महत्वपूर्ण समीक्षा की गई ।बैठक में तीज महोत्सव, शिल्पग्राम के पुनर्विकास,जमवाय माता मंदिर क्षेत्र का विकास तथा राजस्थान के ऐतिहासिक स्मारकों के संरक्षण से जुड़े मुद्दों पर भी विस्तार से चर्चा की गई। पिछली बार राजस्थान सरकार ने हरियाली तीज पर पौधरोपण का व्यापक अभियान भी चलाया था, जिसमें 7 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया था।
बैठक में दियाकुमारी ने निर्देश दिए कि इस बार तीज उत्सव को दो दिवसीय कार्यक्रम के रूप में और अधिक भव्यता से मनाया जाए, ताकि राज्य की सांस्कृतिक विरासत को वैश्विक मंच पर और भी मजबूती से प्रस्तुत किया जा
सके।
राजस्थान में तीज त्यौहारों का विशेष महत्व है, तीज महोत्सव से प्रदेश के त्यौहारों की शुरुआत होती है। तीज का त्यौहार जो हर साल सावन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इसे हरियाली तीज के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं।
तीज के दिन महिलाएं रंग-बिरंगी लहरिया की साड़ियां पहनती हैं और घेवर नामक विशेष मिठाई का आनंद लेती हैं। तीज से एक दिन पहले द्वितीया तिथि को विवाहित महिलाओं के माता-पिता अपनी पुत्रियों के घर सिंजारा भेजते हैं, जिसमें बिंदी, मेहंदी, सिन्दूर, चूड़ी आदि सुहाग की सामग्री होती है। इसी प्रकार गणगौर पर्व के साथ त्यौहारों का समापन हो जाता है। राजस्थान में हर वर्ष चैत्र शुक्ला तीज को गणगौर पर्व मनाया जाता है, जिसमें महिलाएं गणगौर की पूजा करती हैं और अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं। तीज त्योहार राजस्थान की संस्कृति और परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह पर्व महिलाओं के लिए अपने पति और परिवार के साथ समय बिताने का अवसर है, और साथ ही साथ अपनी सुहाग की कामना करने का भी। इस दिन महिलाएं अपने घरों में विशेष पकवान बनाती हैं और अपने परिवार के साथ आनंद लेती हैं।
राजस्थान की भजन लाल सरकार ने इस वर्ष तीज उत्सव को दो दिवसीय भव्य स्वरूप में आयोजित करने का निर्णय लेकर महत्वपूर्ण फैसला किया है। इससे राजस्थान की संस्कृति, कला और विरासत को एक नई पहचान मिलेगी।साथ ही राज्य के पर्यटन विकास को भी गति मिलेगी साथ-साथ प्रदेश के सांस्कृतिक संवर्धन पर विशेष ध्यान देने से आने वाली पीढ़ियों को अपनी जड़ों से जोड़कर रखने के कार्य में भी मदद मिलेगी।
इस बार राजस्थान में तीज महोत्सव के दो दिवसीय आयोजन की शुरुआत करने का कदम राज्य में देशी विदेशी पामणों को अधिक संख्या में आकर्षित करने की दृष्टि से एक अहम कदम साबित होगा। ऐसी उम्मीद है।