
दिलीप कुमार पाठक
बिहार चुनाव बेहद रोमांचक मोड़ पर पहुंच गया है, जैसे क्रिकेट का मैच अत्यधिक रोमांचक हो जाता है l बिहार में फ़िलहाल कोई भी राजनीतिक विश्लेषक खुलकर बोलने की स्थिति में नहीं है, अभी कुछ विशेषज्ञों ने अपने दावों में नीतीश कुमार को चुका बता दिया था, तो आज वही कह रहे हैं कि नीतीश कुमार ने बता दिया है कि टाइगर अभी जिंदा है l एनडीए में दरअसल सीट बँटवारे के बाद कयास लगाए जा रहे थे कि भाजपा अब एनडीए में जेडीयू को पीछे छोड़कर बड़े भाई की भूमिका में आ चुकी है, परंतु नीतीश कुमार ने अचानक से चुनाव का रुख ही बदल दिया है l जेडीयू ने कहा है कि हमारा गठबंधन भाजपा से है, चिराग पासवान एवं जीतनराम माँझी से नहीं है l चुनाव से पहले एनडीए एवं महागठबंधन के अंदर खींचतान मची है l चुनावी मुकाबले से पहले दोनों ही गठबंधन में शामिल पार्टियां अपनी-अपनी सहयोगियों से लड़ रही हैं l इस झगड़े की जड सीटों का बंटवारा है, महागठबंधन में भी सीटों का बंटवारा हो गया है, वहीं NDA में सीटों का बंटवारा तो हो गया है, लेकिन रह-रहकर उपेंद्र कुशवाहा से लेकर नीतीश कुमार अपनी नाराजगी दिखा रहे हैं l कुशवाहा का मुंह कम सीटें मिलने से नाराज़ हैं, तो जीतन राम माँझी रश्मिरथी की चौपई ट्वीट करके 15 सीटें मांग रहे थे l वहीँ नीतीश कुमार तारापुर सीट को लेकर नाराज बताए जा रहे हैं, वे नहीं चाहते थे कि बीजेपी सम्राट चौधरी को तारापुर से टिकट दे हालांकि नीतीश कुमार की नाराजगी को नजरअंदाज करते हुए बीजेपी ने सम्राट को तारापुर से मैदान में उतार दिया है, मंगलवार को ये ऐलान होने के कुछ देर बाद ही नीतीश ने उन सीटों पर उम्मीदवार उतारे दिए जो चिराग पासवान की एलजेपी को मिली थीं l एनडीए की सीट बंटवारे बाद उम्मीदवारों के नाम का ऐलान शुरू हो गया है l भाजपा के अलावा कोई भी अपनी मजबूत सीटें किसी भी सूरत में छोड़ने के लिए तैयार नहीं है l नीतीश कुमार ने अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर एनडीए के सीट शेयरिंग के समझौते का फॉर्मूला बिगाड़ दिया है l जेडीयू और बीजेपी में बराबर-बराबर 101-101 सीटों पर चुनाव लड़ने का फॉर्मूला तय हुआ था l इसके अलावा बाकी 41 सीटें सहयोगी दलों में बांट दी गई थीं, जिसमें चिराग पासवान की एलजेपी (आर) को 29 सीटें, उपेंद्र कुशवाहा की आरएलएम और जीतनराम मांझी की हिंदुस्तान आवाम मोर्चा को छह-छह सीटें मिली हैं l
एनडीए के सीट शेयरिंग के बाद से उपेंद्र कुशवाहा, जीतनराम मांझी नाराज हैं और अब नीतीश कुमार ने जिस तरह चिराग पासवान को मिली पांच सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं, उससे साफ लग रहा है कि एनडीए में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा! जेडीयू ने बुधवार को जिन 57 सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया है, उसमें पांच सीटें ऐसी हैं जो चिराग पासवान के हिस्से आई थीं l एलजेपी को कुल 29 सीटें मिली हैं, इसमें मोरवा, गायघाट, राजगीर, सोनबरसा और एकमा भी थी, जिस पर जेडीयू ने अपने उम्मीदवार उतार दिए हैं l राजगीर सीट पर मौजूदा विधायक कौशल किशोर और सोनबरसा के विधायक व मंत्री रत्नेश सदा को जेडीयू ने प्रत्याशी बनाया है l जेडीयू ने एकमा सीट पर पूर्व विधायक धूमल सिंह को प्रत्याशी बनाया है l मोरवा सीट पर विद्यासागर निषाद और गायघाट सीट से कोमल सिंह को जेडीयू ने टिकट दिया है l सीट बंटवारे में ये पांचों सीटें चिराग पासवान के खाते में गई थीं, जिस पर नीतीश कुमार ने अपने प्रत्याशी उतारकर साफ कर दिया है कि वो किसी भी सूरत में अपनी मजबूत सीटें नहीं छोड़ेंगे l हालांकि नीतीश कुमार चिराग पासवान से 2020 चुनाव का बदला ले रहे हैं, चूंकि चिराग पासवान ने भी नीतीश कुमार के साथ यही किया था l
जीतन राम मांझी ने भी ऐलान किया है कि वे चिराग पासवान को मिली मखदुमपुर सीट पर अपना प्रत्याशी उतारेंगे l इस तरह से एनडीए में अब खुल्लम खुल्ला लड़ाई शुरू हो गई है l चिराग पासवान ने जिन 29 सीटों पर चुनाव लड़ने का अभी तक प्लान बनाया है, उनमें से कई सीटें ऐसी हैं, जिन पर जेडीयू और बीजेपी का कब्ज़ा है l बीजेपी भले ही अपनी जीती सीटें छोड़ रही हो, लेकिन जेडीयू अपनी जीती हुई सीटें एलजेपी के लिए छोड़ने को तैयार नहीं है l जेडीयू ने जिस तरह से पिछले चुनाव में सीटें जीती थीं, उनमें से छोड़ना उसके लिए आसान नहीं है l चिराग पासवान की दावे वाली चार सीटों पर बीजेपी का कब्ज़ा है, तो तीन सीटों पर जेडीयू के विधायक हैं l इसके अलावा एक सीट पर जीतनराम मांझी की पार्टी हम का कब्ज़ा है l जेडीयू का सबसे बड़ा एतराज है कि जब शुरू में चिराग पासवान को 22 सीटें देने की बात हुई थी, तब कैसे उन्हें 29 सीटें मिल गईं? बिहार के बीजेपी प्रभारी विनोद तावड़े पिछले एक साल से पार्टी के लिए अनुकूल परिस्थितियां बनाने में लगे हुए थे, लेकिन जिस तरह सीट शेयरिंग का ऐलान होते ही मांझी से लेकर कुशवाहा और नीतीश कुमार ने तेवर दिखाए, उससे सब कुछ उलझता दिख रहा है l चुनावी सरगर्मी के बीच बीजेपी के लिए सियासी संतुलन बनाना मुश्किल होता जा रहा है l जेडीयू का तर्क है कि सीट शेयरिंग की बात जब तक पटना में चल रही थी, तब चिराग को 22 सीटें देने पर ही सहमति थी, लेकिन जैसे ही वार्ता का दौर दिल्ली शिफ्ट हुआ, चिराग को अचानक 29 सीटें मिल गईं l जेडीयू का कहना है कि चिराग पासवान, जीतन राम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा का गठबंधन बीजेपी से है l जेडीयू इसमें कहीं नहीं है l जेडीयू का गठबंधन सीधे बीजेपी से है l नीतीश कुमार ने अपने पत्ते खोलकर चिराग पासवान का भले ही खेल खराब कर दिया हो, परंतु चुनौती सीधी भाजपा को मिल रही है l