देश की राजधानी दिल्ली में 20 वर्ष की जगह 10 वर्ष का बने मास्टर प्लान – बृजेश गोयल

दीपक कुमार त्यागी

  • धरातल पर 20 वर्ष में बदल जाती हैं दिल्ली की भौगोलिक परिस्थितियां
  • 2041 के मास्टर प्लान में काफी खामियां
  • CTI ने केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी को लिखा पत्र
  • 2041 की जगह 2031 के लिए हो दिल्ली कि मास्टर प्लान

नई दिल्ली : दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने अपने ड्राफ्ट मास्टर प्लान-2041 को मंजूरी दे दी है। अब इसे केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय की मंजूरी मिलती है, तो दिल्ली में कई तरह के बदलाव होने शुरू हो जाएंगे।

मास्टर प्लान-2041 के ड्राफ्ट और मास्टर प्लान 2021 में अब तक हुए कार्यों पर चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआई) ने सवाल उठाए हैं। सीटीआई चेयरमैन बृजेश गोयल और अध्यक्ष सुभाष खंडेलवाल ने कहा है कि दिल्ली में मास्टर प्लान 20 वर्ष का बनता है, जो कि एक बहुत लंबी अवधि है। यह अधिकतम 10 वर्ष का होना चाहिए।

राष्ट्रीय राजधानी की भौगोलिक, राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक परिस्थितियां तेजी से बदलती हैं। मास्टर प्लान 2021 में की गई तमाम घोषणाएं अब तक पूरी नहीं हो सकी हैं। 20 वर्ष के लंबे अंतराल में नेता और जिम्मेदार अधिकारी इधर-उधर हो जाते हैं। किसी की जवाबदेही नहीं बनती है। प्लान पर ठीक से काम नहीं हो पाता।

बृजेश गोयल ने बताया कि इस संदर्भ में केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी को सीटीआई ने एक पत्र लिखा है। जिसमें मांग की गयी है कि मास्टर प्लान 10 वर्ष का हो, भले विजन 20 वर्ष का हो सकता है। आज से 20 वर्ष बाद दिल्ली की स्थिति कैसी होगी, कोई नहीं जानता। अधिकारी योजनाओं को फॉलो तक नहीं कर पाते, डिवलेपमेंट प्लान को लागू करने में तकनीकि दिक्कतें आती हैं।

सीटीआई महासचिव विष्णु भार्गव और रमेश आहूजा ने कहा कि मास्टर प्लान 2021 में तमाम प्लानिंग अब तक अधूरी हैं। बाजारों के पुनर्विकास पर गंभीरता से काम नहीं हुआ। व्यापारियों को अलग से गोदाम मुहैया कराने थे, ये काम रुका हुआ है, सर्कल रेट की दिक्कतें बरकरार हैं, कहीं 10 गुना ज्यादा रेट हैं, तो कहीं काफी कम हैं। सीलिंग की समस्या का समाधान नहीं निकला, आज भी दुकानदारों को सीलिंग के नोटिस भेजे जाते हैं। सदर बाजार में पिछले दिनों दुकानें तक सील कर दी गईं। प्लानिंग थी कि आम माफी योजना के जरिए सीलिंग की समस्या का निपटारा करेंगे। पुराने मास्टर प्लान में कई बाजारों को शिफ्ट करना था जो कि अधूरा पड़ा है, लैंड पूलिंग प्रक्रिया अधूरी है।

पुराने मास्टर प्लान के बाद भी धरातल के अव्यवस्थित हालात को देखकर बृजेश गोयल ने कहा कि अब व्यापारियों में संशय है कि मास्टर प्लान 2041 की योजनाओं पर कितना और कैसे काम हो पाएगा?