रविवार दिल्ली नेटवर्क
तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी, मुरादाबाद से संबद्ध टिमिट में साइबर सिक्योरिटी एवम् ब्लॉक चेन टेक्नोलॉजीज़ के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का माइक्रोसॉफ्ट में इंडिया एंड साउथ एशिया के नेशनल सिक्योरिटी ऑफिसर श्री आलोक लाल ने बतौर मुख्य अतिथि किया शुभारम्भ, व्हिजहैक टेक्नोलॉजीज के को-फाउंडर एवम् सीईओ श्री कल्लोल सिल और पार्टनरशिप एंड एल्सायंसिस हेड श्री सोविक सरकार, यूआर सर्विसेज़ लिमिटेड के सीईओ डॉ. रचित अग्रवाल के संग-संग टीएमयू के वीसी प्रो. रघुवीर सिंह, रजिस्ट्रार डॉ. आदित्य शर्मा, डीन एकेडमिक्स प्रो. मंजुला जैन, निदेशक टिमिट प्रो. विपिन जैन की रही गरिमामयी मौजूदगी
माइक्रोसॉफ्ट में इंडिया एंड साउथ एशिया के नेशनल सिक्योरिटी ऑफिसर श्री आलोक लाल चिंता जताते हुए बोले, आजकल युद्ध बंदूक से नहीं, साइबर अटैक से लड़े जाते हैं। दुनिया में साइबर अटैक तेजी से बढ़ रहे हैं। नतीजतन दस बरसों में साइबर अटैक दस गुना बढ़ गए हैं। ये अटैक लगातर बढ़ते ही जा रहे हैं, इसीलिए किसी भी देश के लिए सबसे बड़ी चुनौती साइबर अटैक से अपने प्रतिष्ठानों को बचाना है। ऐसे में युवाओं को साइबर सिक्योरिटी का ज्ञान होना अति आवश्यक है। 2025 तक 3.5 मिलियन जॉब्स इस सेक्टर में सृजित होंगे। यह हमारा भी सौभाग्य है, देश की सैकड़ों प्राइवेट यूनिवर्सिटीज़ में तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी, मुरादाबाद (यूपी) को चुना है। उन्होंने उम्मीद जताई, साइबर सिक्योरिटी एवम् ब्लॉक चेन टेक्नोलॉजीज़ के यूजी एंड पीजी कोर्स से हजारों-हजार साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ देश को मिलेंगे। श्री लाल बोले, माइक्रोसाफ्ट कंपनी का साइबर सिक्योरिटी सॉफ्टवेयर डवलप करने में कोई सानी नहीं है। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस-एआई टेक्नोलॉजी भी साइबर सिक्योरिटी सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। माइक्रोसॉफ्ट में इंडिया एंड साउथ एशिया के नेशनल सिक्योरिटी ऑफिसर श्री लाल तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी, मुरादाबाद से संबद्ध टिमिट में साइबर सिक्योरिटी एवम् ब्लॉक चेन टेक्नोलॉजीज़ के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के उद्घाटन मौके पर बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। इससे पूर्व मुख्य अतिथि के संग-संग व्हिजहैक टेक्नोलॉजीज के को-फाउंडर एवम् सीईओ श्री कल्लोल सिल और पार्टनरशिप एंड एल्सायंसिस हेड श्री सोविक सरकार, यूआर सर्विसेज़ लिमिटेड के सीईओ डॉ. रचित अग्रवाल के संग-संग टीएमयू के वीसी प्रो. रघुवीर सिंह, रजिस्ट्रार डॉ. आदित्य शर्मा, डीन एकेडमिक्स प्रो. मंजुला जैन, निदेशक टिमिट प्रो. विपिन जैन ने ऑडी में मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित करके कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। इस मौके पर टीएमयू और व्हिजहैक टेक्नोलॉजीज के बीच एमओयू भी साइन हुआ। एमओयू पर टीएमयू की ओर से रजिस्ट्रार डॉ. आदित्य शर्मा, जबकि व्हिजहैक टेक्नोलॉजीज की ओर से को-फाउंडर एवम् सीईओ श्री कल्लोल सिल ने हस्ताक्षर किए। इससे पूर्व अतिथियों का बुके देकर स्वागत किया गया। अंत में सभी को स्मृति चिन्ह भी भेंट किए गए। टिमिट के निदेशक प्रो. विपिन जैन ने बताया, एमओयू के तहत टिमिट में यूजी में बीकॉम इन ब्लॉक चेन टेक्नोलॉजी, जबकि पीजी में एमबीए इन साइबर सिक्योरिटी के कोर्स प्रारम्भ होंगे। कार्यक्रम का संचालन फैकल्टीज़ श्रीमती अंशु चौहान और श्रीमती दीप्ति राज वर्मा ने किया।
व्हिजहैक टेक्नोलॉजीज के को-फाउंडर एवम् सीईओ श्री कल्लोल सिल ने कहा, रक्षा क्षेत्र के बाद साइबर सिक्योरिटी सेक्टर देश की सुरक्षा के लिए सबसे अधिक महत्वपूर्ण कार्यक्षेत्र है। साथ ही इसमें रोजगार के भी असीम अवसर हैं। श्री सिल बोले, व्हिजहैक टेक्नोलॉजीज देश की एकमात्र कंपनी है, जिसके पास साइबर रेंज उपलब्ध है। उन्होंने साइबर रेंज को विस्तार से बताते हुए कहा, साइबर रेंज एक प्रकार की शूटिंग रेंज की मानिंद है, जहां पर विभिन्न प्रकार के साइबर सिक्योरिटी के सॉफ्टवेयर और प्रैक्टिस के मौके मिलेंगे। इन कोर्सेज के बाद स्टुडेंट्स को जॉब्स के स्वर्णिम द्वार तो खुलेंगे ही, साथ ही भविष्य में ये साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ के तौर पर उभरेंगे। उन्होंने बताया, व्हिजहैक टेक्नोलॉजीज़ प्रा.लि. पहले से आईआईटी- मद्रास, राष्ट्रीय रक्षा यूनिवर्सिटी, गुजरात, आईआईटी- जोधपुर, एनपीटीआई, फरीदाबाद सरीखे सरकारी संस्थानों आदि में साइबर सिक्योरिटी के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस खोल चुकी है, लेकिन तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी, मुरादाबाद(यूपी) देश की एकमात्र प्राइवेट यूनिवर्सिटी है, जिसे हमने अपना सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के लिए चुना है। टीएमयू के वीसी प्रो. रघुवीर सिंह बोले, साइबर सिक्योरिटी और ब्लॉक चेन टेक्नोलॉजी के महत्व को समझाते हुए बोले, ये कोर्स वक्त की दरकार हैं। साथ ही स्टुडेंट्स को अनमोल सलाह देते हुए बोले, मूल्यों को याद रखना, समझना, उपयोग करना, संदर्भित करना, मूल्यांकन करना और रचना करना आए तभी ज्ञान का पाना ही सफल होता है। वीसी प्रो. सिंह बोले, यदि अर्थ समझ ना आए तो समझना व्यर्थ है। यदि उसका उपयोग न किया जाए तो उपयोग भी व्यर्थ है। यदि संदर्भ न पता हो तो संदर्भ भी बेकार है। टीएमयू के रजिस्ट्रार डॉ. आदित्य शर्मा ने कहा कि साइबर सिक्योरिटी आज के तकनीकी युग की जरूरत है। टीएमयू के माध्यम से यूपी में पहली बार इस तरह की साइबर यूनिट का स्थापित होना एक अभूतपूर्व कदम है। साइबर यूनिट की स्थापना से टीएमयू के विद्यार्थियों के संग-संग देश भर के स्टुडेंट्स को इस सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का तकनीकी लाभ मिलेगा।
टिमिट के निदेशक प्रो. विपिन जैन ने बताया, कंपनी के एक्सपर्ट विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के अलावा बाह्य विद्यार्थियों को भी साइबर सिक्योरिटी की बारीकियों से संबंधित प्रशिक्षण हेतु कार्यशालाएं आयोजित करेंगे। साइबर सेल के माध्यम से साइबर अटैक्स और इनसे बचाव का लाइव प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। भविष्य में सरकारी साइबर इकाइयों की स्वेच्छा के आधार पर साइबर अधिकारियों को भी साइबर सिक्योरिटी से संबंधित प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। इनके संग-संग हैकाथान प्रतियोगिताएं और एफडीपी के अलावा नेशनल और इंटरनेशनल टॉक्स भी होंगी। फाउंडेशन एंड एडवांस कोर्सेज भी डिलीवर होंगे। मैनेजमेंट विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर एवम् टिमिट के मीडिया प्रभारी डॉ. विभोर जैन ने बताया, सभी अतिथि टीएमयू कैंपस से सीधे टिमिट पहुंचे, जहां उन्होंने ए ब्लाक में स्थापित वातानुकूलित सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का फीता काटकर करतल ध्वनियों के बीच शुभारम्भ किया। ऑडी में आईटी हेड श्री राजेश कुमार, टिमिट की ओर से डॉ. मोहित रस्तोगी, डॉ. अविनाश राजकुमार, डॉ. अंकित बालियान, डॉ. नितिन कुमार, डॉ. विकास सिंह, डॉ. वंदना विग, मिस नाजिया हसन आदि के संग-संग बीबीए, बीकॉम और एमबीए के स्टुडेंट्स मौजूद रहे, जबकि टिमिट में स्थापित वातानुकूलित सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के उद्घाटन मौके पर डॉ. मनोज अग्रवाल, डॉ. चंचल चावला, डॉ. अमित कंसल, डॉ. मुकेश सिंह, डॉ. राजीव वर्मा, डॉ. सतेन्द्र आर्य, डॉ. राहुल मल्होत्रा, डॉ. प्रतिभा शर्मा आदि उपस्थित रहे।