- हमने अपनी ओर से हर मुमकिन कोशिश की: रोहित शर्मा
- हम हम वन डे विश्व कप के केवल फाइनल में अच्छा नहीं खेले
- पिच बिजली के दूधिया प्रकाश में बल्लेबाजी के लिए बेहतर हो गई थी
- हमने 25-30 और बनाए होते तो बेहतर होता
सत्येन्द्र पाल सिंह
नई दिल्ली : भारत का लगातार दस जीत के साथ फाइनल में पहुंच कर ऑस्ट्रेलिया से आईसीसी वन डे क्रिकेट विश्व कप 2023 के फाइनल में अहमदाबाद के नरेन्द्र मोदी स्टेडियम में छह विकेट से हार के साथ तीसरी बार यह खिताब जीतने के सपने के टूटने का दर्द यूं तो देश के सभी क्रिकेट प्रेमियों को है। लगातार दस भारत के बाद फाइनल में दिल तोडऩे वाली हार की सबसे ज्यादा टीस और दर्द टीम के कप्तान रोहित शर्मा और चीफ कोच राहुल द्रविड़ ने महसूस की। भारत की इस हार के बाद टीम के कप्तान रोहित शर्मा और चीफ कोच राहुल द्रविड़ की आंखों में आंसूं थे।
ट्रेविज हेड के शतक और कप्तान पैट कमिंस की अगुआई में तेज गेंदबाजों की त्रिमूर्ति की रफ्तार और धार की बदौलत ऑस्ट्रेलिया ने भारत को हरा कुल बार आईसीसी वन डे क्रिकेट खिताब जीत कर भारतीय टीम और मेजबान देश के क्रिकेट प्रेमियों को ऐसा ‘दर्द’ दिया जिसकी टीस वह भुलाना उनके लिए कतई आसान नहीं होगा। कप्तान रोहित शर्मा के पांच शतकों के बावजूद भारत 2019 के संस्करण के सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड से मात्र 18 रन से हार गया था। 2023 के संस्करण में खुद अनुकरणीय और दे दनादन अंदाज में बल्लेबाजी कर भारत को अजेय रहकर फाइनल में पहुंचाने के बाद आखिर बाधा पर लडख़ड़ा कर गिरने से और राहुल द्रविड़ का 2003 में बतौर उपकप्तान ऑस्ट्रेलिया से 125 रन से हारने के बाद इस बार उन्हें बतौर चीफ कोच उससे 2023 के फाइनल में हार से जीत के रेत की तरह मुट्टïी से फिसल जाने की कसक द्रविड़$ और रोहित शर्मा से बेहतर शायद ही कौन अन्य समझ सकता।
पुरानी कहावत है कामयाबी के लिए पुरुषार्थ के साथ थोड़ा सा भाग्य का भी सात जरूरी है। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आईसीसी वन डे क्रिकेट विश्व कप जीतने के बेहद करीब पहुंचाने इससे चूकने पर भारतीय क्रिकेट टीम ने रविवार रात ठीक ऐसा ही दर्द और टीस महसूस की। रविवार रात भारत की वन डे विश्व कप फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के हाथों हार पर कप्तान रोहित शर्मा और चीफ कोच राहुल द्रविड़ की आखों से छलके आंसूं और फाइनल सहित 11 मैचों में तीन शतकों और छह शतकों सहित कुल सबसे ज्यादा 765 रन बना मैन ऑफ द टूर्नामेंट रहे भारत के विराट कोहली का गमगीन चेहरा बहुत कुछ इन सभी के दिल के दर्द को बयां कर रहा था। भारत की फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के हाथों हार पर निराश कप्तान रोहित शर्मा ने कहा, ‘मेरी यह मानना है कि बिजली के दूधिया प्रकाश में पिच बल्लेबाजी के लिहाज से बेहतर हो गर्ई। हम यह जानते थे कि पिच का मिजाज ऐसा रहेगा लेकिन हम इस हार के लिए कोई बहाना नहीं बनाना चाहते। मुझे अपनी भारतीय टीम पर गर्व है कि हमने पूरे वन डे विश्व कप में हमारी टीम छाई रही। हम बस फाइनल में अच्छा नहीं खेले और इसमें नतीजा हमारे पक्ष में नहीं रहा। हमने अपनी ओर से हर मुमकिन कोशिश की। मेरे कहने का मतलब यह है कि हमने यदि 20-30 रन और बनाए होते तो बेहतर होता। मेरा मानना है जब विराट और केएल राहुल बल्लेबाजी कर रहे थे तब हमने 25से 30 वें ओवर की बाबत बात की। हमारी निगाहें 270-280 रन का स्कोर बनाने पर लगी थी लेकिन बदकिस्मती से हम बराबर विकेट गंवाते चले गए। वहीं शुरू में तीन विकेट सस्ते में गंवाने के बाद ट्रेविज हेड और मरनस लबुशेन ऑस्ट्रेलिया के लिए बड़ीभागीदारी कर फाइनल हमें बाहर कर दिया।