अशोक मधुप
मीडिया में कई बार खबरें आती हैं, मीडिया में कई बार ऐसी खबर आती हैं, जिन्हें पढ़कर या सुनकर गौरव महसूस होता है।ऐसी ही खबर पिछले दिनों लद्दाख सीमा से आई। लद्दाख के पूर्वी इलाके के स्थानीय चरवाहों और चीनी सैनिकों का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें देखा जा सकता है कि चीनी (पीएलए) सैनिक लद्दाखी चारवाहों को वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास भेड़ चराने से रोकने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन लद्दाखी उन्हें पूरी निडरता के साथ जवाब दे रहे हैं। 2020 के गलवान संघर्ष के बाद स्थानीय चरवाहों ने इस क्षेत्र में जानवरों को चराना बंद कर दिया था। वीडियो में मौके पर लगभग तीन चीनी बख्तरबंद वाहन और कई सैनिक दिखाई दे रहे हैं। वाहन अलार्म बजाते हैं, जाहिर तौर पर चरवाहों को वहां से चले जाने का संकेत देते हैं, लेकिन लद्दाखी अपनी जिद पर अड़े हैं और पीएलए सैनिकों के साथ बहस करते नजर आ रहे हैं। चरवाहों का कहना है कि वे भारतीय क्षेत्र में मवेशी चरा रहे हैं। कुछ मौकों पर जब झगड़ा बढ़ जाता है तो कुछ चरवाहे पत्थर उठाते नजर आते हैं। लेकिन वीडियो में हिंसा भड़कती नहीं दिख रही है। वीडियो में दिख रहे चीनी सैनिक हथियारबंद नहीं हैं। चरवाहों के विरोध के बाद ची सैनक वापिस चले जातें हैं। चुशूल के पार्षद कोंचोक स्टैनजिन ने स्थानीय चरवाहों द्वारा दिखाए गए प्रतिरोध की सराहना की और उनका समर्थन करने के लिए भारतीय सेना की प्रशंसा की। उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ”पूर्वी लद्दाख के सीमावर्ती क्षेत्रों में चरवाहों और खानाबदोशों को पैंगोंग के उत्तरी तट के साथ पारंपरिक चरागाहों में अपने अधिकारों का दावा करने की सुविधा प्रदान करने में भारतीय सेना द्वारा किए गए सकारात्मक प्रभाव को देखना खुशी की बात है। उन्होंने कहा, ‘मैं ऐसे मजबूत नागरिक-सैन्य संबंधों और सीमा क्षेत्र की आबादी के हितों की देखभाल के लिए भारतीय सेना को धन्यवाद देता हूं।’चुशूल पार्षद ने कहा कि भारतीय बलों के समर्थन के कारण चरवाहे चीनी सैनिकों का बहादुरी से सामना कर सके। उन्होंने कहा, “इसमें कोई संदेह नहीं है कि हमारी सेनाएं पीएलए के साथ चराई संबंधी मुद्दों को सुलझाने में हमेशा नागरिकों के साथ हैं, यह सब उनके समर्थन के कारण ही है कि हमारे खानाबदोश पीएलए का बहादुरी से सामना कर सके।
एक जमाना था कि चीन के कहने पर भारत सरकार अपने सैनिकों को आदेश देकर अपने कब्जे वाले क्षेत्र मे बनाए बंकर तुड़वा देती थी। सीमा क्षेत्र में यातायात और संचार के साधन चीन के दबाव के कारण पिछली सरकारों में नही बढ़ाए जा सके थे ।2020 में चीन से विवाद के बाद हालात बदले हैं।सीमावर्ती क्षेत्र में बड़े पैमाने पर रास्ते ही नहीं बन रहे, हवाई सेवाओं का विस्तार हो रहा है।चीन सेना के सामने भारतीय सेना सीना ताने खड़ी है।आधुनिक शस्त्र चीन की सीमा पर तैनात किये गए हैं।
पिछले दिनों कनाडा ने आरोप लगाया था कि उसके नागरिक हरदीप सिंह निज्जर की भारत ने हत्या कराई। हरदीप सिंह निज्जर भारत का इनामी आंतकी था। यह विवाद चल ही रहा था कि अमेरिका भी कहने लगा कि उसके नागरिक गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या कराने की कोशिश हुई है। भारत ने इन दोनों घटनाओं का खंडन किया है। अमेरिका के आरोप की जांच कराने का आदेश किया गया है । इसी बीच पाकिस्तान भी कहने लगा कि भारतीय गुप्तचर संगठन उसके यहां रहने वालों की हत्या करा रहे हैं। बतातें चलें कि पिछले कुछ समय में पाकिस्तान में रह रहे भारत के कई प्रसिद्ध आतंकियों की हत्याएं हुई हैं।पाकिस्तान में रह रहे आतंकी डरे हुए हैं।वे पाकिस्तान से लगातार अपनी सुरक्षा बढाने की मांग कर रहे हैं। उन्हें खतरा लग रहा है कि भारत उनकी हत्या करा सकता है। भारत कहता रहा है कि उसका इसमें कोई हाथ नही किंतु दुनिया में जा रहा यह मैसेज बहुत अच्छा है कि भारत अपने दुश्मन को माफ करने वाला नही है।चाहे वो कहीं जाकर छिप जाए।पहले यह धारणा इस्राइल की गुप्तचर संस्था मोसाद के बारे में थी। मौसाद और इस्राइल के बारे में विख्यात था कि वह अपने दुश्मन को माफ करना नही जानता। वह कहीं भी छिप जाए उसका मरना तय है। दुनिया में भारत के बारे में भी अब ऐसी धारणा वन रही है,बन रही है। ये बहुत अच्छा है।देश के दुश्मन के दिल में खौफ होना ही चाहिए।
अभी कनाडा की सुरक्षा खुफिया एजेंसी की एक रिपोर्ट आई है।इसमें आरोप लगाया गया कि भारत उसके देश के होने वाले चुनाव में हस्तक्षेप करना चाहता है। अपनी रिपोर्ट में एजेंसी ने कहा कि कनाडा में होने वाले चुनाव में भारत और चीन हस्तक्षेप कर सकता है।कनाडाई मीडिया ग्लोबल न्यूज ने अपने ब्रीफिंग रिपोर्ट में कहा- यह पहली बार है जब कनाडा ने भारत पर चुनाव में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया है। चीन और रूस पर पहले से ही कनाडा की राजनीति में दखल देने के आरोप लग रहे थे।ये आरोप हैं।इनका लगना अच्छा है।ऐसे आरोप लगते रहने चाहिए।दुनिया और भारत के दुश्मनों के दिमाग में यह भय घुंस जाना चाहिए कि भारत का दुश्मन कही भी हो सुरक्षित नही है। दूसरा भय दुश्मन में यह होना चाहिए की भारत अपने दुश्मन को माफ नही करता।
पिछले अक्टूबर से इस्राइल अपने देश पर हमला करने वाले हुति आंतकवादियों के खिलाफ युद्ध छेड़े है। इस मामले में न वह संयुक्त राष्ट्र की मान रहा है, न अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट की।यही हाल अमेरिका का है। यह अपने दुश्मनों को कहीं भी माफ नही करता।अमेरिका वर्ड ट्रेड सैंटर पर हमला कराने वाले ओसामा बिन लादेन को og दस साल तक खोज करता रहा।दस साल बाद लादेन उसके हाथ आया। और हत्या कर दी गई।अभी अमेरिकी सेना ने सीरिया और इराक़ में मिलाकर कुल 85 ठिकानों पर हमले किए गए हैं।अमेरिकी सेंट्रल कमान ने कहा है कि इन हमलों में ईरान के इस्लामिक रेवल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) के ‘कुद्स फ़ोर्स’ और उससे जुड़े मिलिशिया समूहों को निशाना बनाया गया है। इराक़ ने बताया है कि इन हमलों में कुल 16 लोगों की मौत हुई है और 25 लोग घायल हुए हैं।यह हमले अमेरिका ने अपनी सेना पर एक द्रोण हमले के विरोध में किए।
क्या अमेरिका और इस्राइल के पास कोई विशेष पावर है। ऐसा नही है। वे मजबूत हैं। वे अपने दुश्मन को माफ करने को तैयार नही हैं। वह दूसरे देशों मे रह रहे अपने दुश्मनों को मार डालते हैं और सब देखते रह जातें हैं। दरअस्ल आप मजबूत बनिए। ताकतवर बनिए।दुनिया आप को सलाम करेगी। कमजोर को सब दबाना चाहते हैं।मजबूत इच्छा शक्ति वाले देश का कोई कुछ नही बिगाड़ पाता। रूस से S-400 ट्रायम्फ मिजाइलरोधक प्रणाली लेते समय भी अमेरिका ने भारत को धमकाया था। रूस – यूक्रेन युद्ध के समय भी अमेरिका और उसके मित्र देशों ने रूस से तेल लेने पर भारत को धमकी दी थी कि उस पर आर्थिक प्रतिबंध लगाएं जाएंगे, किंतु कुछ भी नही हुआ। दरअस्ल इन देशों को अपने हथियार बेचने है।ये धमकी दे सकते है,कर कुछ नही सकते। आज भारत ने अरब सागर में दस समुद्री युद्धपोत तैनात किए हुए हैं। ये अरब सागर से निकलने वाले दुनिया भर के जहाजों को समुद्री लुटेरों से बचा रहे है। विपदा में पड़े जहाजों की मदद कर रहे हैं। भारत कोरोनो काल में दुनिया को वैक्सीन और अन्य उपकरण देकर अपना लोहा मनवाता रहा है।आज भारत शक्तिशाली देश बनकर उभर रहा है। उसकी ताकत और शक्ति का दुनिया लोहा मान रही है। ये ही होना चाहिए।ये भी होना चाहिए कि दुनिया जाने की भारत अपने दुश्मन को माफ करने वाले और छोड़ने वाला नही हैं। एक बात और जब देश मजबूत होता है।देश की सेना मजबूत होती है।सुरक्षा एजेंसियां मजबूत होती हैं तो देश का आम आदमी मजबूत होता है। सीमा पर रहने वाले मजबूत होते हैं।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं)