रविवार दिल्ली नेटवर्क
मैनपुरी : मैनपुरी में राष्ट्रनायक महाराणा प्रताप की प्रतिमा पर अराजकता और उपद्रव करने के साथ ही प्रतिमा के साथ छेड़छाड़ करने वाले सपाई गुंडों पर मैनपुरी कोतवाली में एफआईआर दर्ज की गई है। वहीं, इस घटना से आक्रोशित लोगों ने रविवार सुबह महाराणा प्रताप चौक पर धरना दिया और अराजक सपाइयों के साथ ही सपा के लोकसभा प्रभारी और विधान सभा प्रभारी की गिरफ्तारी की मांग की। दरअसल, शनिवार को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मैनपुरी में अपनी पत्नी और सपा प्रत्याशी डिंपल यादव के समर्थन में रोड शो किया था। रोड शो के दौरान ही सपा के कार्यकर्ताओं ने महाराणा प्रताप चौक पर अभद्र नारे लगाए। रोड शो के बाद ये सपाई गुंडे स्वदेश और स्वधर्म के लिए लड़ने वाले राष्ट्र नायक महाराणा प्रताप की प्रतिमा पर भी चढ़ गए और वहां उन्होंने प्रतिमा के साथ छेड़छाड़ की। आरोप है कि महाराणा प्रताप की प्रतिमा के हाथ में मौजूद भाले को टेढ़ा कर दिया गया, जबकि उनके हाथ में सपा का झंडा भी पकड़ा दिया गया। यही नहीं, सपाइयों ने यहां सीएम और पीएम को गालियां भी दीं। राष्ट्र नायक महाराणा प्रताप की प्रतिमा के इस अनादर और अपमान पर मैनपुरी समेत पूरे प्रदेश के लोगों में आक्रोश है। वहीं, सीएम योगी ने भी इस घटना की निंदा की है और कहा कि सपा और कांग्रेस से राष्ट्रनायकों के सम्मान की उम्मीद नहीं की जा सकती। ये दोनों पार्टियां सिर्फ आतंकियों और माफिया का महिमामंडन ही कर सकती हैं।
माफिया की कब्र पर फातिहा पढ़ने वाले कर रहे राष्ट्र नायक का अपमान
शनिवार को हुई इस घटना के बाद रविवार को सैकड़ों लोगों ने महाराणा प्रताप चौक पर धरना दिया और नारेबाजी की। उन्होंने मांग की कि लोकसभा प्रभारी और विधानसभा प्रभारी समेत सपा के उन सभी कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया जाए, जिन्होंने देश के नायक महाराणा प्रताप की प्रतिमा का अनादर किया है। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए 90 से 100 सपाइयों के खिलाफ धारा 147, 188, 295-ए, 504 और 171 एच में मुकदमा दर्ज कर लिया है। स्थानीय लोगों ने कहा कि एक दिन पहले ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मैनपुरी में अपने रोड शो की समाप्ति पर इसी स्थान पर महाराणा प्रताप की मूर्ति पर पुष्पांजलि अर्पित कर भारत के गौरव का मान बढ़ाया था, वहीं दूसरी ओर माफिया की कब्र पर जाकर फातिहा पढ़ने वाले अखिलेश और उनके गुंडे राष्ट्रनायक का अपमान कर रहे हैं। रोड शो के दौरान अखिलेश की मौजूदगी में ही सपाई गुंडों ने प्रतिमा के पास अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया था और बाद में उन्होंने प्रतिमा पर चढ़कर गुंडई की और हिंदुआ सूर्य का अपमान किया। इन गुंडों ने प्रतिमा के भाले को टेढ़ा कर दिया और सपा का झंडा फहरा दिया। यही नहीं, सपा के गुंडों पर प्रतिमा के पास पेशाब करने का भी आरोप है। स्थानीय लोगों ने साफ कहा कि माफिया और गुंडों का सम्मान करने वाली सपा के द्वारा राष्ट्र नायक महाराणा प्रताप का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
सोशल मीडिया पर भी दिख रहा सपा के खिलाफ आक्रोश
मैनपुरी ही नहीं, इस घटना का आक्रोश पूरे प्रदेश और सोशल मीडिया पर भी दिख रहा है। सोशल मीडिया यूजर्स इस घटना के लिए अखिलेश यादव पर निशाना साध रहे हैं और उनसे सार्वजनिक रूप से माफी की मांग कर रहे हैं। वहीं, सीएम योगी की महाराणा प्रताप की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित करते और सैफई ब्रांड सपाई गुंडों द्वारा प्रतिमा के अपमान का वीडियो भी खूब साझा किया जा रहा है। एक यूजर ने लिखा कि सैफई ब्रांड समाजवादी पार्टी के लफंगे सपाइयों ने हिंदुआ सूर्य, राष्ट्रनायक महाराणा प्रताप जी की प्रतिमा पर चढ़कर उनका अपमान किया। वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री योगी जी ने मैनपुरी में रोड शो की समाप्ति के बाद राष्ट्रनायक की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की थी। फर्क साफ है। इसी तरह, डॉ रिचा सिंह ने लिखा, मैनपुरी में अखिलेश के रोड शो के बाद महाराणा प्रताप जी की मूर्ति से छेड़छाड़ की गई, उनकी तलवार तोड़ने का प्रयास, उनके भाले पर सपा का झंडा लहराकर योगी-मोदी को गालियां दी गईं। आ रहे हैं अखिलेश नारा नहीं, धमकी बन गया है। अरुण राणा ने लिखा, मैनपुरी में सपा समर्थकों द्वारा वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की प्रतिमा का निरादर करना अत्यंत निंदनीय है। सभी आरोपियों पर कठोर कार्रवाई होनी चाहिए।
माफिया, दंगाइयों और आतंकी तत्वों को प्रश्रय और राष्ट्रनायकों का अपमान ही विपक्ष की नीतिः सीएम योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इस घटना पर दुख जताया है और विश्वास दिलाया है कि दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। सीएम योगी ने कहा कि माफिया, दंगाइयों और आतंकी तत्वों को ये लोग प्रश्रय देते हैं, प्रोत्साहित करते हैं, महिमामंडन करते हैं और दूसरी ओर राष्ट्रनायकों का अपमान करते हैं। उन्होने कहा कि यही प्रदेश है जब समाजवादी पार्टी ने 2012 में सत्ता में आने पर अयोध्या में रामजन्मभूमि, काशी में संकटमोचन मंदिर, लखनऊ की कचहरियों के साथ ही रामपुर में सीआरपीएफ कैंप पर हमला करने वाले आतंकियों के मुकदमों को वापस लेने का कुत्सित प्रयास किया था। हाल ही में एक कुख्यात माफिया की मौत होती है तो उसके घर पर संवेदना व्यक्त करने के लिए समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष खुद जाते हैं। अयोध्या में रामजन्मभूमि आंदोलन के दौरान रामभक्तों के साथ इनका बर्ताव कैसा था, प्रदेश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री स्व. कल्याण सिंह की मृत्यु पर समाजवादी पार्टी का आचरण कैसा था और शनिवार को राष्ट्रनायक महाराणा प्रताप की मूर्ति के साथ जिस प्रकार का अपमानजनक और अवमाननापूर्ण व्यवहार समाजवादी पार्टी के नेताओं का था वो अत्यंत निंदनीय है। मैं इस कृत्य की भर्त्सना करता हूं। यह व्यवहार केवल समाजवादी पार्टी का ही नहीं, बल्कि महाराष्ट्र में राहुल गांधी का भी रहा था, जब वहां एक समर्थक ने उन्हें छत्रपति शाहू जी महाराज की मूर्ति देने का प्रयास किया तो उन्होंने लेने से इंकार कर दिया। स्पष्ट है कि ये राष्ट्रनायकों का सम्मान नहीं, बल्कि आतंकियों का महिमामंडन करेंगे, पाकिस्तान का महिमांडन करेंगे, माफिया और आपराधिक पृवृत्ति के लोगों का महिमांडन करेंगे, जो बेटी और व्यापारी की सुरक्षा के लिए समस्या बने हुए हैं। देश की जनता देख रही है और जनता जनार्दन चुनाव में इनको सही जवाब देगी। सीएम योगी ने साफ कहा कि जब कोई नेता बेशर्मी का चोला ओढ़ लेता है और स्वार्थ की राजनीति करता है, उसका स्वार्थ उसके परिवार तक सीमित होता है तो इस प्रकार के दृश्य सामने आते हैं। मैनपुरी की घटना हो या महाराष्ट्र की घटना, कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और नेशनल कांफ्रेंस तीनों एक ही थाली के चट्टे बट्टे हैं। इनसे बहुत उम्मीद नहीं की जा सकती।