पिछले वित्त वर्ष में प्याज के दाम में 30 फीसदी से अधिक उछाल को देखते हुए सरकार सप्लाई की व्यवस्था बेहतर बनाने में जुट गई है। उत्पादन घटने के अनुमानों के बीच 5 लाख टन का बफर स्टॉक बनाने के लिए किसानों से खरीदारी हो रही है, उत्पादन की मुख्य जगहों से दूर के इलाकों में अधिक भंडारण केंद्र तैयार किए जा रहे हैं और रेडिएशन के जरिए पहले से अधिक प्याज स्टोर करने की योजना भी है।
एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि इस बार कोशिश यह है कि उत्पादन वाले इलाकों से दूर के इलाकों में भी ज्यादा प्याज स्टोर किया जाए। इससे जरूरत के समय सप्लाई करने में आसानी होगी। ट्रांसपोर्टेशन में रेल नेटवर्क का उपयोग बढ़ाया जाएगा जिससे त्योहारों के सीजन में बढ़ी हुई मांग पूरी करने में ज्यादा समय न लगे और लासलगांव जैसी प्रमुख मंडी से बहुत दूर के इलाकों में कंस्यूमर के लिए भाव अधिक न उछले।
एक अधिकारी ने कहा कि इस बार किसानों से ऐसा प्याज लेने पर जोर है, जिसमें डंठल का कुछ हिस्सा भी बचा हो, क्योंकि इसे अधिक समय तक स्टोर किया जा सकता है। पिछले साल पायलट बेसिस पर महाराष्ट्र के लासलगांव में 1200 टन प्याज को रेडिएशन के बाद स्टोर किया गया था। इस बार करीब 5000 टन प्याज स्टोर किया जाएगा। प्याज को 3-4 महीने से अधिक स्टोर नहीं किया जा सकता। कोल्ड स्टोरेज के दौरान भी 25% तक लॉस होता है। रेडिएशन प्रोसेसिंग पर लॉस घटकर 10- 12% रह जाता है। रेडिएशन वाला रबी सीजन का प्याज करीब 7 महीने तक स्टोर किया जा सकता है। रेडिएशन प्रोसेसिंग के नियम भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर के साथ मिलकर तय किए गए हैं।