बालक की मौत पर हॉस्पिटल में हंगामा

Uproar in hospital over child's death

रविवार दिल्ली नेटवर्क

टोंक : टोंक हॉस्पिटल में पेट दर्द की शिकायत पर इलाज के लिए भर्ती कराए कराए गए बालक की मौत हो जाने पर परिजनों ने इलाज में लापरवाही ओर समय पर डॉक्टर्स इलाज के लिये उपलब्ध नही होने का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया परिजनों का आरोप था कि वह 13 वर्षीय बालक आयुष्मान को निवाई से टोंक लाये थे जिसके पेट मे दर्द हो रहा था लेकिन अस्पताल में डॉक्टर्स ने लापरवाही बरती जिसके कारण हमारे बेटे की मौत हो गई वही दूसरी ओर हॉस्पिटल के डॉक्टर्स का कहना है कि पेसेंट को एडमिट किये जाने के बाद उसका उपचार भी किया गया है और किसी तरह की कोई लापरवाही नही हुई है ।

टोंक जिले के सबसे बड़े अस्पताल में मंगलवार की सुबह उस समय हंगामा खड़ा हो गया जब एक 13 वर्षीय बालक की पेट में दर्द होने पर भर्ती कराए जाने के बाद इलाज के दौरान मौत हो गई। मृतक बालक के परिजनों ने अस्पताल के डॉक्टरों पर आरोप लगाते हुए कहा कि डॉक्टर समय पर अस्पताल आ जाते तो हमारे बच्चे की मौत नही होती। अस्पताल में हंगामें की सूचना मिलते ही पुलिस भी मौके पर पहुंची और परिजनों से समझाईश कर मामले को शान्त करवाया। फिलहाल परिजनों की और से कोतवाली थाने में रिपोर्ट दी गई।

मृतक बालक के चाचा ओमप्रकाश ने बताया कि बीती रात को बालक आयुष्मान बैरवा जो कि निवाई क्षेत्र के गांव नला का निवासी जिसके पेट में दर्द होने के कारण उसे निवाई अस्पताल में भर्ती कराया गया था। पेट में दर्द ज्यादा होने के कारण निवाई अस्पताल से बालक आयुष्मान को टोंक जनाना अस्पताल के लिए रैफर किया। रात 2 बजे हम बालक को टोंक लेकर पहुंचे तो अस्पताल में मौजूद कर्मचारियों ने बालक का उपचार शुरू किया लेकिन बालक के फिर भी पेट में दर्द नही मिट पाया। बार-बार अस्पताल कर्मचारियों से डॉक्टरों को बुलाने की गुज़ारिश की लेकिन सुबह तक भी कोई डॉक्टर अस्पताल समय पर नही पहुँचा जिससे बालक आयुष्मान की मौत हो गई।

परिजनों ने डॉक्टरों पर आरोप लगाया कि डॉक्टरों की लापरवाही के कारण आज हमारे बच्चे की मौत हो गई है। ऐसे डॉक्टरों के खिलाफ कारवाई होना चाहिए।

वही जनाना अस्पताल के प्रभारी विनोद परेवरिया का कहना कि बालक को निवाई से टोंक जनाना अस्पताल रैफर करने के बाद बालक का रात से ही उपचार जारी था। सुबह भी समय पर पहुँचकर डॉक्टरों ने बालक का उपचार किया था।