रविवार दिल्ली नेटवर्क
लखनऊ : योगी सरकार का प्रयास शुरू से ही राज्य में हथकरघा और वस्त्रों को प्रोत्साहित करने का रहा है और इस दिशा में लगातार नए कदम भी सरकार द्वारा उठाए गए हैं। दूसरे कार्यकाल के पहले बजट में हथकरघा और वस्त्र क्षेत्र के लिए सरकार ने लगभग 268 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं जिससे बुनकरों को बड़ी सहायता मिलने वाली है।
प्रदेश के पावरलूम बुनकरों को रियायती दरों पर बिजली उपलब्ध करायी जा रही है। सरकार ने पावरलूम बुनकरों को सहूलियत देते हुए इसी योजना को आगे जारी रखने के लिए 250 करोड़ रूपये की धनराशी आवंटित की है।
बजट समाज के सभी वर्गों को ध्यान में पूरी तरह रखा गया है। अब अनुसूचित जाति के बुनकरों को को स्वरोजगार से जोड़ने देने के उद्देश्य से सरकार ने अपने छठे बजट में झलकारी बाई कोरी हथकरघा एवं पावरलूम स्पेशल कंपोनेंट योजना के संचालन की घोषणा की है। जिसके लिए सरकार ने 8 करोड़ रुपये की बजट राशि निर्धारित की है। नई योजना के तहत जहां सरकार एससी/एसटी के हथकरघा बुनकरों की देखभाल करेगी, वहीं पावरलूम बुनकर स्वचालित पावरलूम उपलब्ध कराने में मदद करेंगे।
उत्तर प्रदेश में पारंपरिक उद्योगों में से एक हस्तशिल्प और हथकरघा उद्योग है। श्रम प्रधान क्षेत्र होने के कारण और इस प्रकार रोजगार के अनेक अवसर प्रदान करते हुए, यह राज्य के सामाजिक-आर्थिक ढांचे को बनाए रखने में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है।
पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों पर हथकरघा बुनकरों की निर्भरता को समाप्त करके सौर ऊर्जा के उपयोग के लिए पावरलूम बुनकरों और हथकरघा बुनकरों को सोलर इनवर्टर प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री बुनकर सौर योजना के तहत 10 करोड़ रुपये का बजट दिया गया है।