गुप्तकाशी में चतुर्थ सीमांत पर्वतीय बाल विज्ञान महोत्सव का शुभारंभ

Fourth Border Mountain Children's Science Festival inaugurated in Guptkashi

ओ पी उनियाल

देहरादून : गुप्तकाशी में चतुर्थ सीमांत पर्वतीय बाल विज्ञान महोत्सव का शुभारंभगुप्तकाशी में चतुर्थ सीमांत पर्वतीय बाल विज्ञान महोत्सव का शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने घोषणा की कि सीमांत क्षेत्रों में सुविधाओं और सेवाओं के विस्तार हेतु राज्य में सीमांत क्षेत्र विकास परिषद का गठन किया जायेगा

मुख्यमंत्री ने कहा कि सीमांत जनपदों में अब ऐसे नवाचार केंद्र स्थापित किए जाएंगे, जहाँ आपदा प्रबंधन, स्वास्थ्य और शिक्षा से जुड़ी उपयोगी जानकारी और प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने उत्तराखण्ड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद द्वारा आयोजित चतुर्थ सीमांत पर्वतीय जनपद बाल विज्ञान महोत्सव के राज्य स्तरीय आयोजन का दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारंभ किया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने विभिन्न जनपदों से आए बाल वैज्ञानिकों के साथ जलवायु परिवर्तन, प्राकृतिक जल संसाधन एवं संरक्षण, आपदा प्रबंधन, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा ऊर्जा संरक्षण आदि विषयों पर चर्चा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस भव्य आयोजन से सीमांत जनपदों के प्रतिभावान बाल वैज्ञानिकों को नई दिशा और अवसर प्राप्त होंगे।
उन्होंने कहा कि देहरादून में देश की पाँचवीं साइंस सिटी बनने जा रही है, जो उत्तराखण्ड जैसे पर्वतीय राज्य के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता को पारदर्शी और प्रभावी सेवाएँ मिलें, इसके लिए अधिकांश सेवाएं ऑनलाइन उपलब्ध कराई जा रही हैं।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर रुद्रप्रयाग जिले में आपदा प्रबंधन केंद्र के निर्माण के लिए जिलाधिकारी को कार्ययोजना बनाने के निर्देश देने के साथ ही पीएम श्री जवाहर नवोदय विद्यालय बणसू जाखधार में विभिन्न कार्यों के लिए ₹50 लाख देने की घोषणा भी की।

मुख्यमंत्री ने विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले पद्मश्री कल्याण सिंह रावत, सीमांत क्षेत्र के उद्यमी इंद्र सिंह रावत और सीमांत सेवा फाउंडेशन के डॉ. पाटनी को सम्मानित करने के साथ ही यूकॉस्ट की रुद्रप्रयाग डैशबोर्ड पुस्तक का विमोचन भी किया। इस जीआईएस आधारित रिमोट सिस्टम डैशबोर्ड पर विभिन्न विभागों की योजनाओं से जुड़ी सूचनाएँ एक ही प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध होंगी।

चतुर्थ सीमांत पर्वतीय जनपद बाल विज्ञान महोत्सव की थीम – जलवायु परिवर्तन अनुकूलन रणनीतियाँ तथा आपदा जोखिम प्रबंधन एकीकरण है। इसका उद्देश्य जलवायु परिवर्तन, प्राकृतिक जल संसाधन एवं संरक्षण जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा को बढ़ावा देना और ऐसी रणनीतियाँ विकसित करना है।