मुंबई के फोर बंगले गुरुद्वारा में दिखेगी सेवा और श्रद्धा की जुगलबंदी

A jugalbandi of service and devotion will be seen at the Four Bungalow Gurudwara in Mumbai

मुंबई (अनिल बेदाग) : अंधेरी पश्चिम के हृदय में बसा फोर बंगले गुरुद्वारा फिर तैयार है श्रद्धा और भव्यता के संग एक अनोखा उत्सव पेश करने के लिए। 13 अप्रैल 1967 को स्थापित यह गुरुद्वारा सरदार सिंह सूरी जी की लगन और समर्पण का नायाब उदाहरण है। उन्होंने 45 वर्षों तक इस पवित्र स्थल को अपने जीवन का हिस्सा बनाया। उनके बाद उनके पुत्र सरदार जसपाल सिंह सूरी ने नेतृत्व की कमान संभाली और अब पौत्र मनिंदर सिंह सूरी ने इसे और ऊँचाइयों तक पहुँचाने का बीड़ा उठाया है।

यहाँ साल के 365 दिन लंगर की खुशबू और सेवा का जादू बिखरता है। रोजाना 2,000 लोग लंगर ग्रहण करते हैं, और रविवार को यह संख्या 5,000 पार कर जाती है। इस वर्ष 5 नवम्बर को गुरु नानक जयंती के मौके पर लगभग 70,000 श्रद्धालुओं के लिए लंगर प्रसाद का इंतजार रहेगा। अगर लंगर खाना आपके लिए सिर्फ पेट भरने का मामला है, तो यहाँ इसे खाने का अनुभव निश्चित रूप से आत्मा को भी तृप्त कर देगा।

गुरु नानक जयंती के कार्यक्रम 24 अक्टूबर से प्रभात फेरियों के साथ शुरू होंगे और 1 नवम्बर तक चलते रहेंगे। 2 नवम्बर की शाम 6 बजे लोकलांडवाला बैक रोड से भव्य नगर कीर्तन निकलेगा और पूरे शहर में श्रद्धा का संगीत गूंज उठेगा। इसके बाद 3 नवम्बर से शुरू होने वाला अखंड पाठ 5 नवम्बर तक चलता रहेगा, जो गुरुद्वारे के हॉल को शांति और भक्ति की लहरों से भर देगा।

लेकिन फोर बंगले सिर्फ़ भक्ति तक ही सीमित नहीं है। मनिंदर सिंह सूरी के नेतृत्व में गुरुद्वारे ने पंजाब के तीन बाढ़ग्रस्त गांवों को गोद लिया है, और वहां किसानों को बीज, डीज़ल और विवाह जैसी ज़रूरी मदद प्रदान की गई है। यहाँ की सेवा भावना और सामाजिक जिम्मेदारी की मिसाल है।

विश्व के कई प्रसिद्ध कीर्तनिये भी इस गुरुद्वारे में भजन की मधुरता बिखेर चुके हैं। प्रबंधन ने सभी श्रद्धालुओं से अपील की है कि इस बार भी इस पर्व में शामिल होकर सेवा, श्रद्धा और मानवता के इस उत्सव का हिस्सा बनें।