तिहाड़ के पूर्व डीजी संदीप गोयल निलंबित

इंद्र वशिष्ठ

राष्ट्रपति ने तिहाड़ जेल के पूर्व डीजी संदीप गोयल को निलंबित कर दिया है.
आईपीएस के 1989 बैच के संदीप गोयल को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का आदेश गृह मंत्रालय के अंडर सेक्रेटरी राकेश कुमार सिंह द्वारा 21 दिसंबर को जारी किया गया है.

बिना अनुमति नहीं जाना-
इस समय दिल्ली पुलिस मुख्यालय में स्पेशल कमिश्नर के पद पर तैनात संदीप गोयल को निलंबन की अवधि के दौरान सक्षम प्राधिकारी की पूर्व अनुमति के बिना मुख्यालय, दिल्ली नहीं छोड़ने का आदेश दिया गया है.

मंत्री, डीजी पर वसूली का आरोप-
तिहाड़ जेल के महानिदेशक(डीजी) के पद से आईपीएस संदीप गोयल को 4 नवंबर को हटा दिया गया था। जेल में बंद ठग सुकेश चंद्रशेखर ने दिल्ली के उप-राज्यपाल विनय कुमार सक्सेना को सात अक्टूबर को पत्र लिखकर आरोप लगाया कि उसने जेल मंत्री सत्येंद्र जैन को दस करोड़ रुपए और जेल के डीजी संदीप गोयल को 12.50 करोड़ रुपए दिए हैं। यह रकम प्रोटेक्शन और जेल में ऐशोआराम की सुविधाओं के लिए दी गई।

जेल में मंत्री की ऐश-
सत्येंद्र जैन को जेल में मसाज जैसी खास सुविधाएं (वीआईपी ट्रीटमेंट) मिलने की जानकारी ईडी ने अदालत को दी थी. सबूत के तौर पर जेल के सीसीटीवी कैमरे की फुटेज भी दिए गए.

वीडियो सार्वजनिक होने से पूरी दुनिया ने देखा सत्येंद्र जैन जेल में कितने ऐशोआराम से है.

इन आरोपों की जांच के लिए गठित कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कई सनसनीखेज खुलासे कर संदीप गोयल के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की सिफारिश की थी.

जेल की कोठरी में संदीप गोयल ने बिताए 50 मिनट-
रिपोर्ट में कहा गया है कि तत्कालीन डीजी संदीप गोयल ने सत्येंद्र जैन से उसके सेल में 6 अक्टूबर 2022 को शाम 6.39 बजे से 7.29 बजे तक लगभग 50 मिनट की मुलाकात की. जिससे यह पता चलता है कि संदीप गोयल सत्येंद्र जैन के बिल्कुल करीबी हैं. इससे यह संकेत मिलता है कि तत्कालीन डीजी संदीप गोयल की सांठगांठ/ मिलीभगत है.

इसके बाद 12 सितंबर को तब के जेल सुपरिटेंडेंट अजीत कुमार भी 15 मिनट तक सत्येंद्र जैन से उसके सेल में मिले थे.

डयोढी पर मुलाकात-
सितंबर और अक्टूबर के महीने के जेल मुलाकात रिकॉर्ड से पता चलता है कि सत्येंद्र जैन की पत्नी पूनम जैन और परिवार के अन्य सदस्यों ने जेल के नियमों को ताक पर रखकर अक्सर मुलाकातें की.

यह मुलाकात भी जेल नियमों का घोर उल्लंघन कर जेल नंबर सात की डयोढी पर कराई गई थी.

रिपोर्ट के अनुसार जेल प्रशासन, खासकर तत्कालीन डीजी संदीप गोयल और निलंबित जेल सुपरिटेंडेंट अजीत कुमार की मिलीभगत के बिना यह संभव हो ही नहीं सकता.

जैन की अदालत-
रिपोर्ट के अनुसार सत्येंद्र जैन जेल नियमों का उल्लंघन करते हुए ईडी के मामले के सह आरोपी वैभव जैन और अंकुश जैन के साथ अक्सर अपने कमरे में कोर्ट/दरबार लगाते थे. यहीं नहीं ईडी के अन्य मामले में आरोपी संजय गुप्ता और रमन भूरारिया के साथ भी अपने कमरे में बैठक करते थे. कैदियों के लिए प्रतिबंधित समय (कर्फ़्यू ) में भी यह बैठकें की जाती थी.

5 कैदियों ने की सेवा-
कैदियों ने अपनी मर्जी से सत्येंद्र जैन की सेवा नहीं की, बल्कि निलंबित जेल सुपरिटेंडेंट अजीत कुमार,वार्डन और जेल मुंशी की ओर से कैदियों को डराया गया. कैदियों को डर था कि अगर बात नहीं मानेंगे तो, उन्हें सजा और यातनाएं दी जाएगी.
रिपोर्ट के अनुसार रिंकू, अफसर अली, मनीष के अलावा सोनू सिंह और दलीप नामक कैदी सत्येंद्र जैन की सेवा में लगाए गए थे.

बेनामी खरीद-
रिपोर्ट के अनुसार, सत्येंद्र जैन द्वारा अपने व्यक्तिगत उपयोग के लिए फल,भोजन और अन्य वस्तुओं की खरीद के लिए अन्य कैदियों के जेल खाता कार्ड का बेनामी उपयोग किया गया था.ये जेल खाता कार्ड जेल वार्डन और अन्य आर्थिक रूप से संपन्न कैदियों द्वारा रिचार्ज किए गए थे.

जेल कैंटीन से सामान खरीदने के लिए 3-4 कैदियों के जेल खाता कार्ड का उपयोग सत्येंद्र जैन और उनके करीबी सहयोगी संजय गुप्ता द्वारा किया गया था. कार्ड से कैदी जेल कैंटीन से एक महीने में 7 हजार रुपए तक की ही खरीदारी कर सकता है. सत्येंद्र जैन ने ज्यादा सामान खरीदने के लिए दूसरे कैदियों के कार्ड का इस्तेमाल किया.

“फिजियोथेरेपिस्ट” निकला घोड़ी वाला-
सत्येंद्र जैन की मसाज करने वाले कैदी रिंकू ने कमेटी को बताया कि उसने मसाज देने या फिजियोथैरेपिस्ट की ट्रेनिंग नहीं ली है, बल्कि वह तो शादियों में घोड़ी उपलब्ध करवाने का काम करता था.

उल्लेखनीय है कि सत्येंद्र जैन के मसाज कराने का वीडियो वायरल होने के बाद उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा था कि डाक्टर की सलाह पर सत्येंद्र जैन की फिजियोथेरेपी की जाती है.