ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टी 20 सीरीज में बराबरी पाने के लिए भारतीय बल्लेबाजों जोश के साथ होश की जरूरत

Indian batsmen need both passion and composure to level the T20 series against Australia

भारत को अपने गेंदबाजी संयोजन पर भी विचार करना होगा

सत्येन्द्र पाल सिंह

नई दिल्ली : भारत के विस्फोटक सलामी बल्लेबाज अभिषेक शर्मा का दे दनादन क्रिकेट खेलने का अपना अलग अंदाज है। अभिषेक जिस दिन चलते हैं तो वह फिर चाहे वह रफ्तार का सौदागर हो या स्पिनर उसकी गेंदबाजी की धज्जियां बिखेर कर अपने दम ही भारत को मैच जिता देते हैं। भारत भले ही मेजबान ऑस्ट्रेलिया से मौजूदा पांच टी 20 अंतर्राष्ट्रीय मैचों की सीरीज का दूसरा मैच चार विकेट से हार गया लेकिन इस बीच पर अभिषेक ने अपने जिस परिचित अंदाज मे तूफानी अर्द्धशतक जड़ा उससे लगा कि वह किसी अलग ही पिच पर खेल रहे हैं। भारतीय बल्लेबाजों को यह बात समझनी होगी कि हर कोई अभिषेक नहीं हो सकता है और न है। भारत को मौजूदा सीरीज में एक एक की बराबरी पाने के लिए तीसरा टी 20 अंतर्राष्ट्रीय मैच जीतना है तो कप्तान 360 डिग्री बल्लेबाज सूर्य कुमार यादव को कम से एक ओवर तो सूझबूझ से खेलना होगा। अभिषेक के साथ यदि कप्तान सूर्य कुमार यादव रंग में रहे तो फिर भारत मेजबान ऑस्ट्रेलिया से होबार्ट में सीरीज का तीसरा टी 20 अंतर्राष्ट्रीय मैच जीत एक एक की बराबरी पाने के साथ सीरीज में वापसी कर सकता है।

मौजूदा सीरीज में खेल रहे चार बल्लेबाज-भारत के कप्तान सूर्य कुमार यादव और अभिषेक शर्मा तथा मेजबान ऑस्ट्रेलिया के कप्तान मिचेल मार्श और उनके सलामी जोडीदार ट्रेविज हेड-की की बल्लेबाजी की शैली ही पहले ही गेंद से दे दनादन की है। बावजूद इसके खासतौर पर मिचेल मार्श में यह समझ है कि अच्छी गेंद को सम्मान देते हैं और मौका मिलते ही पलटवार कर प्रतिद्वंद्वी गेंदबाज की लय बिगाड़ देते हैं। भारत के कप्तान सूर्य कुमार यादव को अपने प्रतिद्वंद्वी मार्श से बस यही छोटी सी बात सीखने की जरूरत है। भारत के के पास बाएं हाथ के तिलक वर्मा, अक्षर पटेल और शिवम दुबे के बाद मध्यक्रम में तीन बाएं हाथ के बल्लेबाज हैं और ऐसे में तीसरे सूर्य कुमार यादव तीसरे नंबर पर और संजू सैमसन अक्षर और शिवम दुबे के बीच बल्लेबाजी में बेहतर विकल्प साबित है। भारतीय टीम प्रबंधन चीफ कोच गौतम गंभीर और कप्तान सूर्य कुमार यादव को बल्लेबाजी क्रम की बाबत गंभीरता से सोचने की जरूरत है।

भारत के लिए राहत की बात है कि तीसरे टी 20 में दूसरे मैच में तीन विकेट चटका उसकी बल्लेबाजी को बिखेरने वाले ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज जोश हेजलवुड नहीं होंगे। ऐसे में ऑस्ट्रेलिया की बल्लेबाजी में वह धार निश्चित रूप से नहीं होगी जो थी। ऑस्ट्रेलिया हेजलवुड की जगह तीसरे टी 20 में स्यां एबॉट को जगह दे सकता है।

भारत के शीर्ष क्रम में उपकप्तान शुभमन गिल जिस तरह कुछ समय लेकर खेलते हैं उसमें बदलाव की जरूरत नहीं है। भारत के लिए अच्छी बात यह है कि पहले बारिश से धुले टी 20 मे2 कप्तान सूर्य कुमार और उपकप्तान शुभमन गिल रंग में दिखे थे। भारत के शीर्ष क्रम के बल्लेबाज खासतौर पर सूर्य व तिलक संभल कर खेले तो टीम जरूर बड़ा और चुनौतीपूर्ण स्कोर खड़ा करने का दम रखती है। बदकिस्मती से संजू सैमसन अभी भी अपनी लय लग रहे हैं। भारत ने दूसर मैच में यदि 125 की जगह मात्र 25 रन और बनाए होते तो वह ऑस्ट्रेलिया को परेशानी में डाल सकता था और तब मुमकिन है कि मैच का नतीजा कुछ और होता।

ऑस्ट्रेलिया की बल्लेबाजी भी कप्तान मिचेल मार्श व ट्रेविज हेड की सलामी जोड़ी के साथ जोश इंग्लिश, टिम डेविड और मैथ्यू शॉट_ के साथ नौजवानऑलराउंडर मिचेल ओवन पर निर्भर नजर आती है। जहां तक मरकस स्टोइनस की बात है तो वह अब ढलान पर हैं और वह अगले साल होने वाले टी 20 क्रिकेट विश्व कप के लिए अपनी जगह तलाशने में जुटे है। ऑस्ट्रेलिया का ्शी क्रम बिखरा तो फिर उसके लिए संभलना मुश्किल हो जाता है। भारतीय टीम प्रबंधन को इसी बात को जेहन में रखकर शिवम दुबे की जगह तीसरे तेज गेंदबाज के रूप में अपने टी 20 अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट के सबसे कामयाब तेज गेंदबाज अर्शदीप सिंह को एकादश में रखना ज्यादा बेहतर है। हर्षित राणा पर चीफ कोच का भरोसा जरूरत से कुछ ज्यादा दिखता है। बतौर तेज गेंदबाज हर्षित राणा की संभावनाओं से इनकार नहीं हैं लेकिन बतौर बल्लेबाज वह इक्का दुक्का मैच तो बल्ला भांज सकते हैं लेकिन उन्हें अभी से ऑलराउंडर कहना कुछ जल्दबाजी होगा। भारत के लिए दो मुख्य स्पिनर मौजूदा टी 20 सीरीज में मिस्ट्री स्पिनर वरुण चक्रवर्ती और बाएं हाथ के स्पिन ऑलराउंडर अक्षर पटेल हैं। जहां तक कुलदीप यादव की बात तो बाएं हाथ के इस कलाई के लेग स्पिनर के लिए ऑस्ट्रेलिया की पिचें मुफीद नहीं लगती है। ऐसे में भारतीय टीम प्रबंधन यदि अपने टीम संयोजन या कहिए गेंदबाजी संयोजन पर जहां गंभीरता से विचार करें तो बेहतर होगा।