मोहित त्यागी
- चुनावी आचार संहिता के कारण दिल्ली के कारोबार में 50% की कमी – सीटीआई
- कैश की लिमिट के कारण बाजारों में घटा फुटफाॅल
- बाजारों और पार्किंग में व्यापारियों के माल की गाड़ियों की हो रही चैकिंग
- व्यापारियों की बजाय नेताओं की चैकिंग करे पुलिस प्रशासन
दिल्ली विधानसभा चुनाव करीब हैं। राष्ट्रीय राजधानी में चुनाव आचार संहिता लागू है, इससे व्यापार बिगड़ गया है। व्यापारी परेशान हैं। दरअसल, इन दिनों में कोई भी 50 हजार रुपये से ज्यादा की नकदी लेकर नहीं चल सकता। यदि किसी के पास तय लिमिट से ज्यादा कैश है, तो उसका रेकॉर्ड साथ रखना होगा। इसी तरह जूलरी पर भी लिमिट है। 10 ग्राम सोना कैरी कर सकते हैं, जिसकी अधिकतम कीमत 50 हजार रुपये होनी चाहिए। यदि इससे ज्यादा कीमत का सोना या आभूषण हैं, तो इसके दस्तावेज होने जरूरी हैं। चुनाव की तारीखें घोषित होने के बाद विभिन्न एजेंसियां बाजारों में सक्रिय हो गई हैं। इससे व्यापारियों की चिंता बढ़ गई है।
दिल्ली में व्यापारियों के शीर्ष संगठन चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री सीटीआई चेयरमैन बृजेश गोयल और अध्यक्ष सुभाष खंडेलवाल ने बताया कि आचार संहिता में 50 हजार रुपये से ज्यादा कैश लेकर नहीं चल सकते। सभी व्यापारियों से अनुरोध है कि कैश कैरी नहीं करें, अपना लेन-देन डिजिटल करें। 50 हजार रुपये से ज्यादा कैश होगा, तो उसे जब्त कर लिया जाएगा, जिसके सोर्स देने होंगे।
50 प्रतिशत घट गया फुटफॉल
बृजेश गोयल ने बताया कि होलसेल बाजारों के व्यापारियों की टेंशन बढ़ी हुई है। बहुत सारे व्यापारियों का पेमेंट फंस गया है। बाहर से दिल्ली आने वाले क्लाइंट्स फोन कर पूछ रहे हैं कि कितना कैश ला सकते हैं? दिल्ली में सख्ती बढ़ी हुई है। आचार संहिता की वजह से 50 प्रतिशत फुटफॉल घट गया है। आम तौर पर रोजाना 2 लाख से ज्यादा लोग दिल्ली आते हैं।
सीटीआई महासचिव गुरमीत अरोड़ा और वरिष्ठ उपाध्यक्ष दीपक गर्ग ने बताया कि रिटेल बाजारों में चांदनी चौक, सदर बाजार, चावड़ी बाजार, कमला नगर, करोल बाग, लाजपत नगर, सरोजिनी नगर और खारी बावली जैसे मार्केट में ग्राहकों की संख्या घटी है। डिजिटल पेमेंट में बढ़ रहे फ्रोड की वजह से पुराने व्यापारी कैश में ज्यादा डील करते हैं। बहुत से तो टेक्नोलॉजी फ्रेंडली तक नहीं हो पाए हैं।
सदर बाजार के व्यापारी नेता राहुल अदलखा और कुंज नाकरा ने बताया कि सदर बाजार में कुतुब रोड पार्किंग पर एजेंसियां के अधिकारी खड़े हैं। जिस पर शक हो रहा है, उसकी गाड़ियां चेक हो रही हैं। नकद का लेन-देन नियमों के हिसाब से करें। अब तो शादी-ब्याह का सीजन भी शुरू हो गया। बेटे और बेटी वाले को फंक्शन के लिए 50 हजार रुपये से ज्यादा नकद लेकर भी चलना पड़ता है। वो तो बेवजह मुश्किल में पड़ेंगे।
पॉलिटिकल पार्टियों और नेताओं के ठिकानों पर चेकिंग हो
कमला मार्केट ट्रेडर्स एसोसिएशन के प्रेजिडेंट नितिन गुप्ता ने कहा कि होलसेल बाजारों में कारोबार मंदा हो गया है। जांच एजेंसियों को थोक मार्केट की जगह पॉलिटिकल पार्टियों और नेताओं के ठिकानों पर चेकिंग करनी चाहिए। यहीं से पैसा बंटने की खबरें आती हैं। आखिर क्यों, व्यापारियों को ही टारगेट किया जाता है? करोल बाग फुटवियर असोसिएशन के जॉइंट सेक्रटरी अमन नैय्यर ने कहा कि जहां कमाई होगी, वहीं जाएंगे। पहले भी व्यापारी जन आवाज उठा चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती है। मोरीगेट स्थित भोलाराम मार्केट के चेयरमैन चंद्रभूषण गुप्ता ने कहा कि मरना लूटना और बाबू/अधिकारी का शिकार बनना व्यापारी की मजबूरी हो गई है। पिसेगा और पिटेगा पर आंसू नहीं निकालेगा। फेडरेशन ऑफ सदर बाजार ट्रेडर्स असोसिएशन के प्रेजिडेंट राकेश यादव ने बाजार में पत्र जारी कर सभी को सचेत किया है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग के नियमों का उल्लंघन होगा, तो दंडनीय कार्यवाही होगी।
क्या डॉक्यूमेंट रखें?
- पहला, डॉक्यूमेंट है पहचान पत्र। कैश ले जा रहे व्यक्ति का पहचान पत्र होना आवश्यक है।
- दूसरा, जो पैसा उसके पास है उसके लेनदेन से संबंध का प्रमाण पत्र भी होना चाहिए। कैश विड्रॉल का प्रूफ, जैसे- बैंक से निकासी की पर्ची या मैसेज भी होना जरूरी है ताकि यह साबित हो पाए कि वह पैसा कहां से आया है?
- तीसरा, एंड यूज का प्रूफ। यानी आपके पास जो पैसा है, वह किस काम के लिए ले जा रहे हैं, कहां यूज करेंगे, इसका भी प्रमाण होना चाहिए।
जेल भी हो सकती है!
चुनाव आयोग के मुताबिक अगर आप यह तीनों चीजें दिखा देते हैं और चुनाव आयोग के अधिकारी आपकी जानकारी से संतुष्ट होते हैं तो आपको कैश कैरी करने की इजाजत मिलेगी। अगर, संतोषजनक जवाब नहीं दे पाते हैं, तो पैसा जब्त हो सकता है और आरोपी को जेल भी भेजा जा सकता है।
अब तक कितनी हुई जब्त?
आचार संहिता के लागू होने के बाद दिल्ली में 21 करोड़ रुपये से अधिक की वस्तुएं जब्त की गईं हैं। इसमें 9.8 करोड़ रुपये कैश, 6.1 करोड़ रुपये की कीमती धातु, 5.05 करोड़ रुपये के मादक पदार्थ, 47 लाख रुपये से ज्यादा मूल्य की फ्री दी जाने वाली वस्तुएं और 45 लाख रुपये से ज्यादा मूल्य की शराब शामिल है।