- मुझे अपनी टीम के दिल्ली में दूसरा टेस्ट जीतने पर फख्र
- दिल्ली टेस्ट में जोश में होश खोना हमें वाकई महंगा पड़ा: स्मिथ
सत्येन्द्र पाल सिंह
नई दिल्ली : भारत ने अहमदाबाद में सीरीज का आखिरी टेस्ट ड्रॉ खेलने के साथ ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चार टेस्ट मैच की क्रिकेट सीरीज 2-1 से जीत बॉर्डर गावसकर पर ट्रॉफी जीतने के साथ 2023 वल्र्ड टेस्ट चैंपियनशिप(डब्ल्यूटीसी) के फाइनल में उसी के खिलाफ खेलने का हक हासिल कर लिया। कप्तान रोहित शर्मा अहमदाबाद में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चौथा और आखिरी टेस्ट ड्रॉ रहने के साथ भारत के सीरीज 2-1 से अपने नाम करने पर खासे खुश नजर आए। रोहित ने कहा, ‘ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ यह टेस्ट सीरीज शुरू से ही रोचक रही। करीब सवा महीने तक चली इस टेस्ट सीरीज के नतीजे से हम इसके नतीजे से खासे खुश हैं। हमने चुनौती का बढिय़ा जवाब दे टेस्ट सीरीज 2-1 से जीती। हमें मालूम था कि हमारे लिए इस टेस्ट सीरीज के शुरू के दो टेस्ट में अच्छी शुरुआत अहम होगी। मुझे अपनी भारतीय टीम के दिल्ली में सीरीज का दूसरा टेस्ट जीतने पर इसलिए बहुत फख्र है। मैं ऐसा इसलिए कह रहा क्योंकि हम दिल्ली टेस्ट में बहुत पिछड़ रहे थे और वहां से हमने जीवट, जज्बा और जुझारू क्षमता दिखा जीत दर्ज की। इस टेस्ट सीरीज के लिए चारों ही टेस्ट में खासे रोचक रहे। हमें इस टेस्ट सीरीज की अहमियत समझते हैं और प्रतिद्वंद्वी प्रतिद्वंद्वी ऑस्ट्रेलिया की भी।’
ऑस्ट्रेलिया के कप्तान स्टीव स्मिथ ने कहा, ‘अहमदाबाद में चौथे टेस्ट की पिच सपाट थी। इस पर गेंद जरूर घूमी, लेकिन कुछ धीमे। मैं इस रोचक टेस्ट सीरीज का हिस्सा बन कर खुश हूं। हमारी ऑस्ट्रेलियाई टीम के खिलाडिय़ों ने भारत में उसके खेलने का पूरा लुत्फ उठाया। भारत की मेहमाननवाजी लाजवाब रही और दर्शकों ने खूब हौसलाअफजाई की। इस टेस्ट सीरीज में वाकई दोनों टीमें ने एक दूसरे को जमकर टक्कर दी। टेस्ट सीरीज के आगे बढऱे के साथ हम बेहतर खेलते चले गए। दिल्ली टेस्ट में जोश में होश खोना हमें वाकई महंगा पड़ा। दिल्ली टेस्ट में हार से उबर कर हमने इंदौर टेस्ट में जमकर संघर्ष करते हुए जीत हसिल की। हम अहमदाबाद में चौथे और आखिरी टेस्ट में भी बढिय़ा खेले। बदकिस्मती से अहमदाबाद की पिच बहुत ही सपाट थी।’
भरोसा था अच्छी पिच पर जरूर बड़ी पारी खेल सकता हूं: विराट
चौथे और आखिरी टेस्ट में मैन आफ द मैच रहे विराट कोहली ने कहा, ‘मेरे लिए अहम है मेरी खुद अपने से लगाई गई उम्मीदें। मेरा मानना है कुछ समय से मैं टेस्ट क्रिकेट में अपने बनाए उस खाके और लय के साथ नहीं खेल पा रहा था जिससे मै पिछले एक दशक से खेला हूं। मेरी कोशिश बस इसी लय और खाके के मुताबिक खेलने की कोशिश की थी। मेरा मानना है कि ऑस्ट्रेलिया के सीरीज के नागपुर में पहले टेस्ट से वाकई बढिय़ा बल्लेबाजी कर रहा था। हमारी कोशिश टीम के रूप बल्लेबाजी पर ज्यादा ध्यान लगाने की ही थी। मैंने कुछ समय के लिए ऐसा जरूर किया लेकिन वैसा नहीं कर पाया था जैसा मैंने अतीत में किया। इस लिहाज से मैं निराश जरूर था लेकिन यह भरोसा कायम था कि मैं अच्छा खेल रहा हूं। मुझे भरोसा था यदि अच्छी पिच पर बल्लेबाजी का मौका मिला तो मैं जरूर बड़ी पारी खेल सकता हूं।’