दीपक कुमार त्यागी
- सीलिंग और कन्वर्जन चार्ज के सभी 2000 नोटिस होंगे निरस्त
- CTI के साथ मीटिंग में मेयर शैली ओबेरॉय ने की घोषणा
- मीटिंग में शामिल DC अंकिता मिश्रा को दिया निर्देश
- CTI चेयरमैन बृजेश गोयल के नेतृत्व में व्यापारियों ने मेयर और डीसी को सौंपा ज्ञापन
- पिछले दिनों चांदनी चौक समेत कई बाजारों के लगभग 2000 दुकानदारों को भेजे गए थे नोटिस
देश की राजधानी दिल्ली के व्यापारियों के लिए दुकानों की सीलिंग लंबे समय से सिरदर्द बनी हुई है, CTI के प्रयासों के बाद दिल्ली नगर निगम द्वारा बाजारों में हुई सीलिंग की कार्रवाई और कन्वर्जन चार्ज वसूली संबंधी नोटिस से व्यापारियों को राहत मिल गई है, जिससे व्यापारियों में लंबे समय से चली आ रही गंभीर समस्या के स्थाई निदान की अब उम्मीद जगी है। इस समस्या के समाधान के लिए लंबे समय से लड़ाई लड़ रहे ‘चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआई)’ संगठन के चेयरमैन बृजेश गोयल के नेतृत्व में आज व्यापारियों के प्रतिनिधिमंडल ने दिल्ली मेयर शैली ओबेरॉय और एमसीडी डिप्टी कमिश्नर अंकिता मिश्रा से सिविक सेंटर में मुलाकात करके एक ज्ञापन सौंपा।
सीटीआई चेयरमैन बृजेश गोयल ने बताया कि पिछले दिनों चांदनी चौक समेत पुरानी दिल्ली के अधिकांश बाजारों में लगभग 2000 दुकानदारों को कन्वर्जन चार्ज नहीं जमा कराने पर दुकानों पर सीलिंग करने की चेतावनी दी गई थी, इसी को लेकर लेकर सीटीआई टीम ने व्यापारियों के साथ मेयर शैली ओबेरॉय और एमसीडी डिप्टी कमिश्नर अंकिता मिश्रा से मुलाकात की, इस मुलाकात में मेयर शैली ओबेरॉय ने सीटीआई की मांग का समर्थन करते हुए कहा कि दिल्ली में कन्वर्जन चार्ज को लेकर किसी दुकान की सीलिंग नहीं होगी।
मेयर ने डीसी को सभी 2000 नोटिसों को निरस्त करने का आदेश दिया और भविष्य में किसी भी तरह की सीलिंग की कार्रवाई नहीं करने के लिए भी तत्काल निर्देश दिया।
सीटीआई महासचिव विष्णु भार्गव और रमेश आहूजा ने मीटिंग में कहा कि पुरानी दिल्ली के सभी बाजार मुगलकालीन बाजार हैं और कमर्शियल मार्केट की श्रेणी में आते हैं, इसलिए यहां कन्वर्जन चार्ज नहीं बनता है ,
चांदनी चौक सर्व व्यापार मंडल के अध्यक्ष संजय भार्गव और करोल होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष संदीप खंडेलवाल ने कहा कि मास्टर प्लान 2021 में साफ लिखा हुआ था कि पुरानी दिल्ली के बाज़ार स्पेशल एरिया में आते हैं और कमर्शियल हैं इसलिए यहां सीलिंग की कार्रवाई उचित नहीं है, चांदनी चौक के व्यापारी विष्णु मिगलानी और तनय रस्तोगी ने कहा कि एमसीडी हर दुकान से 1962 से पहले का सबूत मांग रही है जो कि बिलकुल भी उचित व न्यायसंगत नहीं है।